कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने अश्वस्त किया है कि कमर्सियल माईनिंग के प्रतिस्पर्धात्मक दौर में भी कोल इण्डिया अग्रणी कंपनी बनी रहेगी। और, गुणवत्तापूर्ण कोयला समुचित दर पर अपने कोयला उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराती रहेगी। चेयरमैन ने स्पष्ट किया है कि नई चुनौतियों के बाद भी कोल इंडिया के प्रोडक्शन और उसके इंकम को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
महारत्न कोयला कम्पनी कोल इण्डिया लिमिटेड देश में कोयला आवश्कताओं की पूर्ति हेतु अपने 8 अनुषंगी कम्पनियों के माध्यम से कोयला उत्पादन में सक्रिय भूमिका निभाता है। आने वाले समय में भी कोल इण्डिया लिमिटेड अपने इस तमगे को बरकरार रखेगा।
आईएएस चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि हाल ही में भारत-सरकार द्वारा किए गए कमर्शियल कोल माईनिंग के फैसले से कोल इण्डिया के उत्पादन एवं लाभप्रदता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोयले की समान गुणवत्ता, कम लागत में उत्पादन करने की क्षमता एवं उपभोक्ताओं को समय पर कोयला प्रेषण, आदि, के माध्यम से कोल इण्डिया लिमिटेड कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आने वाली अन्य कम्पनियों से हमेशा ही आगे रहेगी। नयी तकनीक एवं अधिक प्रेषण भी निश्चित इसमें सहायक होंगे।
कोल इण्डिया लिमिटेड के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कमर्शियल कोल माईनिंग के माध्यम से देश के कोयला अवश्यकताओ की बेहतर पूर्ति की जा सकेगी एवं यह कोलइण्डिया के उत्पादन का पूरक होगा।
कोल इण्डिया लिमिटेड के पास देश का 54 प्रतिशत कोयला रिजर्व अर्थात कुल 319 बिलियन टन कोयला उपलब्ध है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा कोलइण्डिया लिमिटेड को 16 कोल ब्लाक दिए गए, जिससे कोयला उत्पादन की क्षमता 9 बिलियन टन से बढ़कर कुल 172 बिलियन टन हो गयी है। इसमें से डब्ल्यूसीएल एवं बीसीसीएल को 5 कोल ब्लाक दिए गए, वहीं ईसीएल को 3, सीसीएल को 2 एवं एमसीएल को 1 कोल ब्लाक दिए गए। कमर्शियल कोल माईनिंग के अंतर्गत औक्शन किये जाने वाले 41 कोल ब्लाकों में से कोई भी कोलइण्डिया का नहीं है।
विगत कई वर्षों में कोल इण्डिया ने उत्पादन की लागत एवं कोयले की गुणवत्ता बेहतर बनाने पर निरंतर कार्य किया है। फलस्वरूप प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भी कोल इण्डिया गुणवत्तापूर्ण कोयला समुचित दर पर अपने कोयला उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराएगा। कोल इण्डिया लिमिटेड का साढ़े चार दशक से अधिक की कोयला उत्पादन की कुशलता, प्रशिक्षित मानव संसाधन, स्थापित बुनियादी ढांचा, सुव्यवस्थित संचालन, नई तकनीक अपनाने के लिए समुचित लागत, वर्तमान में उपलब्ध कोल रिजर्व एवं उपभोक्ता के अनुकूल उपायों के आधार पर कोल इण्डिया आने वाले समय में भी कोयला आवश्यकताओं की पूर्ति करने में अग्रणी
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