नई दिल्ली । पतंजलि योगपीठ फेज-टू में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से जंग को ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ समेत तीन दवाइयां लॉन्च की हैं। साथ ही सौ फीसद रिकवरी का दावा किया है। बाबा रामदेव ने बताया कि दवा परीक्षण के तीन दिन के भीतर 69 फीसद रोगी रिकवर हुए हैं। सात दिन के भीतर सौ फीसद ठीक हुए और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। बाबा रामदेव ने बताया कि सोमवार को Ordernil APP लॉन्च किया जाएगा। इसके जरिए तीन दिन के भीतर घर बैठे दवा उपलब्ध होगी।
ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे दवा, जानिए कीमत
कोरोना वायरस की दवा बाजार में आ गई है। साथ ही इसको ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है। इसके लिए सोमवार को एप लॉन्च किया जाएगा। पतंजलि के मुताबिक कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल की कीमत 400 रुपये, श्वासारि रस बट्टी की कीमत 120 और अणनासिक तेल की कीमत 25 रुपये है। एक महीने की दवा 545 रुपये में उपलब्ध होगी।
दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में बन रही है दवा
आपको बता दें कि पतंजलि योगपीठ की ओर से बताया गया है कि कोरोना टैबलेट पर हुआ यह शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट हरिद्वार और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। टैबलेट का निर्माण दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड हरिद्वार में किया जा रहा है।
वायरस पर यूं असर करती है ‘कोरोनिल‘
पतंजलि के दावे के अनुसार दवा में मौजूद अश्वगंधा, कोरोना के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं, इसमें मौजूद गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोरोनो वायरस के आरएनए RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने यानी संख्या बढ़ाने से रोकती है।
रेस्परेटरी सिस्टम को मजबूत करेगी श्वसारि वटी
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। कंपनी की ओर से इसके साथ श्वसारि वटी टैबलेट भी बेची जाएगी। श्वसारि रस कफ में गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है। साथ ही यह बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों में सूजन को कम करता है।
कोरोनिल, श्वसारि वटी के अलावा अणु तेल भी
पतंजलि ने कोरोनिल और श्वसारि वटी के अलावा अणु तेल भी प्रस्तुत किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करता है। श्वसारि वटी हमारे रेस्परेटरी सिस्टम को मजबूत करेगी। इसके अलावा अणु तेल नाक में डालना बहुत फायदेमंद होगा। ऐसा करने से हमारे रेस्परेटरी सिस्टम में किसी वायरस के मौजूद होने पर उसका खात्मा होता है।
दवा की डोज क्या रहेगी?
कंपनी का दावा है कि कोरोना मरीजों के लिए यह दवा कारगर होगी। कारण कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ही कोरोना मरीजों पर इस दवा ने सकारात्मक असर दिखाया है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार, सुबह और शाम को ली जा सकती है।
जानिए दवा में शामिल मुख्य घटक
दवा के मुख्य घटक अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल होंगे। इनका मिश्रण और अनुपात शोध के अनुसार तय किया गया है, जिससे ये कोरोना वायरस के प्रभाव को पुख्ता तरीके से खत्म कर देता है। इतना ही नहीं इसका नियमित इस्तेमाल व्यक्ति को कोरोना संक्रमित ही नहीं होने देता।
भारत में कोरोना की कई दवाएं मौजूद
भारत में कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए अब मार्केट में एक के बाद एक दवा आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। पहले ग्लेन फार्मा ने, फिर हेटरो लैब्स ने और फिर सिप्ला कंपनी ने कोरोना मरीजों के लिए दवा पेश की है। कोविड-19 के इलाज के लिए मुख्य रूप से तीन दवाओं, Cipremi, FabiFlu और Covifor का इस्तेमाल हो रहा है। Cipremi और Covifor एंटीवायरल ड्रग रेमडेसीविर के जेनेरिक वर्जन हैं, जबकि Fabiflu टैबलेट असल में इन्फ्लुएंजा की दवा Favipiravir का जेनेरिक रूप है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है।