रायपुर। भूपेश सरकार ने राज्य में निगम और मंडलों के लिए रास्ता साफ कर दिया है। पार्टी आलाकमान से मिली मंजूरी के बाद अब दायित्व सौंपने की तैयारी है। किसके सिर ताज बंधेगा, इसका निर्णय भी लगभग हो चुका है, वहीं अपेक्षा पाल रखे नेताओं को निराश भी होना पड़ सकता है। इस बीच संभावित नामों की सूचियां भी सामने आ चुकी हैं, जिनमें वरिष्ठ विधायकों के नाम शामिल हैं। इनमें से कुछ निगम अथवा मंडल का दायित्व संभालने के लिए सहर्ष तैयार हैं, तो कुछ साफ इंकार करने से भी परहेज नहीं करते।
पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके अमितेश शुक्ल ने निगम अथवा मंडल में पद लेने से जहां साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि वे कैबिनेट के रह चुके हैं, तो कैबिनेट का दर्जा लेकर क्या करेंगे। दूसरी तरफ वरिष्ठ विधायक अरूण वोरा हैं, जो पूर्व में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उन्हें निगम या मंडल का दायित्व सौंपने पर निर्वहन से किसी तरह का परहेज नहीं है। वे इसे मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होने की बात कहते हुए मानते हैं कि बतौर कार्यकर्ता उन्हें आदेश स्वीकार होगा।
पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं में सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस ने जब प्रदेश में बहुमत हासिल किया, तो इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि इन्हें कैबिनेट में लिया जाएगा, लेकिन परिस्थितियों की वजह से संभव नहीं हो पाया, लिहाजा इन नेताओं की नाराजगी को निगम-मंडलों के माध्यम से दूर किए जाने का प्रयास है, लेकिन फिलहाल ये इस विषय पर अपनी टिप्पणी नहीं देना चाहते।