नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देशभर में चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जारी है। खिलाड़ियों और कलाकारों से अनुरोध करने के बाद अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए देश-दुनिया के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और रतन टाटा के साथ अन्य उद्योगपतियों से सहयोग का आग्रह किया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने मुकेश अंबानी समेत अन्य उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा है कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। कैट ने मुकेश अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा है कि यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा, इस दृष्टि से देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी।
कैट ने इन उद्योगपतियों को लिखा खत
रतन टाटा
नारायणमूर्ति
अजीम प्रेमजी
आदी गोदरेज
नुस्ली वाडिया
अजय पीरामल
विक्रम किर्लोस्कर
कुमार मंगलम बिरला
शिव नाडरराहुल बजाज
सुनील भारती मित्तल
ज्योत्स्ना सूरी
आनंद महिंद्रा
उदय कोटक
पालनजी मिस्त्री
शशि रुइया
मधुकर पारेख
डॉ. सतीश रेड्डी
पंकज पटेल
नीलेश गुप्ता
हर्ष मरीवाला
पंकज पटेल आदी
भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है अर्थात तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद और कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है, जिसके अंतर्गत लगभग 3000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कैट के राष्ट्रीय अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था और यह दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा। इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योग, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा और एक समग्र नीति के अंदर भारत में कच्चे माल, स्पेयर पार्ट्स और प्रौद्योगिकी संचालित वस्तुओं से संबंधित वस्तुओं के निर्माण को भारत में ही शुरू करने के लिए सरकार से आग्रह करेगा।