केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई बड़े फैसले लिये गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है। जावड़ेकर ने बताया कि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत शिशु लोन लेने वाले लाभार्थियों को ब्याज में 2 फीसद की सहायता देने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शिशु श्रेणी में लाभार्थियों को 50,000 रुपये तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जाता है।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु कर्ज श्रेणी के कर्जदाताओं को 2 फीसद ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि योग्य लाभार्थियों को 31 मार्च 2020 तक के बकाया ऋण पर यह ब्याज सहायता 12 महीने के लिये मिलेगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन लघु एवं सूक्ष्म उद्यमों को दिया जाता है। सरकार की यह योजना मुद्रा लोन के नाम से लोकप्रिय है। यह लोन वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, छोटी राशि के कर्ज देने वाले संस्थान (MFI) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां देती हैं।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई फैसले लिये हैं। इनमें सहकारी बैंकों को आरबीआई की निगरानी में देना भी शामिल है। मंत्रिमंडल ने सहकारी बैंकों और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देख-रेख में लाने का निर्णय लिया है। जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इस कदम से जमाकर्ताओं को उनके रुपये की सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। सरकार इस बारे में जल्द ही अध्यादेश लेकर आएगी। देश में कुल मिलाकर 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 के करीब बहु- राज्यीय सहकारी बैंक है जिनसे 8.6 करोड़ ग्राहक जुड़े हुये हैं।’