सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएससी 10वीं और 12वीं की 1 से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। बता दें कि तीन राज्यों ने कहा था कि प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जिसके चलते परीक्षाएं अभी नहीं कराई जा सकती हैं। इसी को लकेर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर रहा था। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा कि हालात सामान्य होने पर 12वीं के छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। उन्होंने कहा कि 12वीं के छात्रों का पिछली तीन परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी कई स्कूलों में आइसोलेशन सेंटर चल रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि बाहरवीं कक्षा की बची हुई परीक्षा को रद्द करने का फैसला बृहस्पतिवार को लिया जाएगा। मालूम हो कि एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली इन परीक्षाओं को कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से टाला गया है।
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित करते हुए कहा था कि सरकार और बोर्ड छात्रों की परेशानी से भली-भांति अवगत हैं और अधिकारी इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेंगे। मेहता ने पीठ से इस मुद्दे को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वे अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराएंगे।
तब न्यायमूर्ति खानविलकर के अलावा पीठ में न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना भी शामिल थे। पीठ ने मेहता की बात सुनने के बाद मामले को 25 जून तक के लिए स्थगित कर दिया था। शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे परीक्षा देने वाले छात्रों के कुछ माता-पिता द्वारा दायर किया गया था। इसमें उन्होंने मांग की थी कि शेष विषयों के अंक पहले आयोजित परीक्षा के आधार पर और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के साथ औसत आधार पर गणना करके परिणाम घोषित किए जाएं।