भिलाई. देश अनलॉक होने के साथ ही स्टील का कारोबार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। अप्रैल के मुकाबले मई के बाद जून में भी कंपनी का कैश कलेक्शन एक हजार करोड़ से अधिक होने जा रहा है। जुलाई तक सामान्य कारोबार की उम्मीद जताई जा रही है। अप्रैल में सेल का कैश कलेक्शन करीब 6 हजार करोड़ रुपए से घटकर महज दो हजार करोड़ में सिमट गया। अनलॉक होते ही कलेक्शन बढ़ना शुरू हुआ।
जून में सेल के कारोबार पर एक नजर
यूनिट घरेलू विदेशी कुल
बीएसपी 610.26 96.31 706.57
बोकारो 497.66 40.65 538.31
दुर्गापुर 306.45 71.97 378.42
राउरकेला 419.59 81.82 501.41
इस्को 274.53 336.89 611.42
अलाय 10.21 0.00 10.21
सलेम 46.83 0.00 46.83
विश्वेसरैया 0.51 0.00 0.51
अन्य 260.21 0.00 260.21
कुल 2426.25 627.643053.89
अप्रैल में सेल को 2635 करोड़ का कैश कलेक्शन
लॉकडाउन का असर सेल के कैश कलेक्शन पर दिखा। अप्रैल में कंपनी का कैश कलेक्शन जहां 2635.25 करोड़ था। वहीं मई में 3820.38 करोड़ का कैश कलेक्शन हुआ। इस तरह एक महीने के अंतराल में कंपनी की आवक में 1185.13 करोड़ की वृद्धि हो गई। इसी तरह जून के 24 तारीख तक कंपनी 3053 करोड़ रुपए का कैश कलेक्शन कर चुकी है।
इसलिए कह सकते हैं पटरी पर लौट रहा कारोबार
घरेलू के साथ-साथ निर्यात में भी बढ़ी आय: कंपनी को कैश कलेक्शन में 90 फीसदी हिस्सा घरेलू कारोबार से हो रहा है। मसलन मई में घरेलू कारोबार से 3342.44 करोड़ और विदेशी निर्यात से 477.94 करोड़ की आय हुई। वहीं जून के 24 तारीख तक कंपनी घरेलू कारोबार से 2426.25 करोड़ व निर्यात से 627.64 करोड़ कमा चुकी है। पिछले माह के मुकाबले इस माह निर्यात में तेजी से वृद्धि हुई है।
बीएसपी ने किया सबसे अधिक कारोबार
सेल की 8 प्रमुख इकाइयों में जून में भी बीएसपी अन्य इकाइयों के मुकाबले कमाने के मामले में आगे रही। जून में 24 तारीख की स्थिति में बीएसपी का कैश कलेक्शन 706.57 करोड़ रहा। वहीं दूसरे नंबर पर 538.31 करोड़ के कैश कलेक्शन के साथ दूसरे नंबर पर रही। मई में बीएसपी का कैश कलेक्शन 1847.45 करोड़ व बोकारो का कैश कलेक्शन 547.43 करोड़ था।
अगले महीने कंपनी में और सुधार की उम्मीद
लॉकडाउन को धीरे-धीरे कर सरकार पूरी तरह समाप्त करने की तैयारी में है। इसे देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई से अन्य कारोबार की तरह स्टील मार्केट में भी स्थिति सामान्य हो जाएगी। मजदूरों के लौटने पर बीते तीन महीने से बंद पड़े प्रोजेक्ट के दोबारा शुरू होने पर स्टील प्रोडक्ट की डिमांड आनी शुरू हो जाएगी। छोटे उद्योगों पर असर दिखेगा।