धमधा। केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भूपेश सरकार गरीबों के निवास और भोजन के लिए नित नए प्रयास कर रही है। जिस हद तक हो सके, उन्हें आश्रय दिया जा रहा है, ताकि दिक्कतों से उनका पीछा छूट सके, लेकिन सरकार की मंशा के विपरीत गरीबों को परेशान करने के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ता। ऐसा ही मामला धमधा नगर पंचायत में सामने आया है, जहां परित्यक्ता महिला की झोपड़ी को नगर पंचायत प्रशासन ने ध्वस्त कर उन्हें खुले आसमान में रहने पर मजबूर कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक धमधा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 में परित्यक्ता कांति यादव अपनी बेटी के साथ विगत 5 सालों से अपना गुजर-बसर कर रही थी। नगर पंचायत प्रशासन को यह बात भी रास नहीं आई और उसकी झोपड़ी को जमींदोज कर दिया, जबकि उस इलाके में और भी लोग अवैध कब्जा किए हुए हैं, साथ ही उन्होंने पक्के मकान खड़े कर लिए हैं।
पीड़ित कांति यादव का कहना है कि यदि बेदखली करनी ही थी, तो सबकी एक साथ की जाती, केवल उसकी झोपड़ी को तोड़ दिया गया, जबकि अन्य पक्के मकानों, जो कब्जाकर बनाया गया है, उस तरफ प्रशासन ने एक नजर भी नहीं डाली। पीड़ित महिला ने भूपेश सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार उसकी और उसके बेटी के भविष्य को तबाह होने से बचाए।