रायपुर। राज्य सरकार ने 25 जून की देर शाम प्रदेश के भीतर यात्री बसों को संचालित करने की अनुमति दे दी है। इस आदेश के बावजूद प्रदेश में यात्री बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। बस संचालकों ने कुछ मांगों को लेकर बसों के पहियों को थाम रखा है, और बेमुद्दतकाल के लिए संचालन पर ’ब्रेक’ लगा रखा है। बस संचालकों का कहना है कि बीते 3 माह से बंद पड़े व्यवसाय की वजह से उनकी माली हालत बुरी तरह खराब हो चुकी है, लिहाजा जब तक सरकार उनकी मांगों पर अंतिम मुहर नहीं लगा देती, तब तक बसों का संचालन नहीं करेंगे।
आज इस मामले पर परिवहन सचिव से मुलाकात तय हुई है, जिसके बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि प्रदेश में बसों का संचालन कब से शुरू हो पाएगा। बता दें कि यात्री बस संचालक महासंघ ने बढ़ी हुई डीजल की कीमत के आधार पर किराया तय करने, तीन माह का टैक्स माफ किए जाने के साथ आगामी 6 माह के लिए रियायत दिए जाने की मांग रखी है। वहीं फार्म की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने सहित कुछ और मांगों को सरकार के समक्ष रखा है। बस महासंघ का कहना है कि जब तक इन मांगों पर अंतिम मुहर नहीं लग जाती, तब तक बसों के पहिए थमे रहेंगे।
दूसरी तरफ सरकार का आदेश होने की वजह से प्रदेशभर के यात्री गंतव्य के लिए बस स्टैंड पहुंचकर भटकने लगे हैं। इन यात्रियों को बस महासंघ और सरकार के बीच मांगों को लेकर चल रही तकरार के संदर्भ में जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से ऐसे लोग यात्रा के लिए बस स्टैंड पहुंच जा रहे हैं।