रायपुर। प्रदेश में भूपेश सरकार ने गोधन न्याय योजना को प्रारंभ किए जाने के साथ ही गोपालकों से गोबर और गोमूत्र खरीदकर उन्हें लाभान्वित करने की बात क्या कह दी, विपक्ष के कुछ नेताओं ने उसे सियासी हमले का हथियार मान लिया। बीते दो दिनों से महज गोबर को लेकर सियासी द्वंद जारी है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस बीच एक विवादित टिप्पणी भी की है, जिसे लेकर उन्हें कांग्रेस का करारा जवाब भी मिला है। यह द्वंद ट्वीटर पर अब भी जारी है।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बनाने को लेकर ट्वीट किया था, उसके बाद से इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर सियासी वार छिड़ गया है। कल से ही अजय चंद्राकर सत्ता पक्ष के नेताओं के निशाने पर हैं और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली जा रही है। उधर चंद्राकर भी सत्ता पक्ष के आक्रमण पर लगातार जवाब दे रहें हैं, जिसके बाद ट्वीटर पर शायराना वार चलने लगा है।
कांग्रेस नेताओं के लगातार आलोचनात्मक टिप्पणी पर आज अजय चंद्राकर ने एक बार फिर ट्वीटर पर तंज कसते हुए लिखा कि “मेरे लिखे लफ्ज ही बस पढ़ पाया वो, मुझे पढ़ पाए इतनी उसकी तालीम ही नहीं थी”। चंद्राकर के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए सीएम भूपेश के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने लिखा कि “किस मुुंह से बात करता है वाइज तालीम की बातें,मयकदे के बाहर हमने उसका शऊर देखा है”।
इससे पहले आज अखबार की एक कटिंग को ट्वीट कर अजय चंद्राकर ने लिखा कि “माननीय टी.एस.सिंहदेव जी,आपके परिवार के 100 से अधिक पीढ़ी राजा थी, खेद है आप “वजीर” हो गये।” दरअसल कल स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने अजय चंद्राकर के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए चंद्राकर से बयान वापस लेने की सलाह दी थी, जिसकी प्रतिक्रिया में चंद्राकर ने ये ट्वीट किया है।