रायपुर। नक्सली मददगार वरूण जैन की अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। इस मामले को लेकर कांकेर पुलिस ने न्यायालय से आग्रह किया था कि इनकी जमानत याचिका मंजूर होती है, तो साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ होना स्वाभाविक है। इस पर माननीय न्यायालय ने पुलिस के पक्ष में निर्णय लेते हुए इनामी नक्सली मददगार वरूण जैन की अग्रिम और गिरफ्त में लिए गए निशांत जैन की याचिका को निरस्त कर दिया है।
बता दें कि नक्सली मददगार जैन बंधुओं की ओर से अधिवक्ता आरएन सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। राज्य सरकार की ओर से इस मामले में अधिवक्ता सुनील हटवानी और आलोक बख्शी ने पैरवी की। माननीय न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की बैंच ने इस मामले की सुनवाई की, जिसमें उन्होंने पाया कि पुलिस द्वारा रखा गया पक्ष वास्तविकता के काफी करीब है। लिहाजा जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त करने का आदेश दिया है।
विदित है कि कांकेर पुलिस ने नक्सलियों को हथियारों के अलावा अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति मामले में करीब दर्जनभर आरोपियों को धर दबोचा है। इसमें निशांत जैन को भी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन वरूण जैन फरार होने में कामयाब हो गया, जबकि उसके खिलाफ संगीन अपराध दर्ज है।