नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया है। ईरान ने बगदाद में ड्रोन हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल की मौत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दर्जनों अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर इसके लिए इंटरपोल से मदद मांगी है। एक स्थानीय अभियोजक ने सोमवार को यह जानकारी दी। तेहरान के अभियोजक अली अलकासीमेहर ने कहा कि ट्रंप और 30 से ज्यादा लोगों पर 3 जनवरी को हुए हवाई हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इस हमले में जनरल सोलेमानी की मौत हो गई थी
स्थानीय अभियोजक अली अलकसीमेहर ने सोमवार को कहा कि ईरान ने एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और इंटरपोल से अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य दर्जनों लोगों को हिरासत में लेने के लिए मदद मांगी है। उन्हें विश्वास है कि बगदाद में हुए एक ड्रोन हमले में एक शीर्ष ईरानी जनरल को मारने वाली घटना को इन्हीं सब लोगों ने अंजाम दिया था।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप को गिरफ्तारी का कोई खतरा नहीं है लेकिन चूंकि ट्रंप ने एकतरफा रूप से दुनिया की शक्तियों के साथ हुए तेहरान के परमाणु समझौते से अमेरिका को वापस खींच लिया है। इस तरह के आरोपों से ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता साफ़ दिख रहा है।
आतंक फैलाने का आरोप
तेहरान के प्रासिक्यूटर अली अलकासिमेहर ने कहा है कि बगदाद में हुए ड्रोन अटैक में डोनाल्ड ट्रंप शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने ईरान के ही 30 अन्य लोगों पर इस अटैक का आरोप लगाया है। सूत्रों के अनुसार, इस अटैक में ईरान की कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
ईरान ने इंटरपोल से डोनाल्ड ट्रंप की गिरफ्तारी के लिए मदद मांगी है। इसके अलावा ईरान ने इंटरपोल से 30 अन्य लोगों के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की भी गुहार लगाई है। रेड नोटिस के जरिए इंटरपोल आरोपी को लोकेशन का पता लगाकर गिरफ्तार करती है।
अमेरिका ने करवाया था हमला
बता दें कि ईरान के द्वारा लगाया गया आरोप सच है। अमेरिका ने ही ईरान में ड्रोन से हमला करवाया था। इसके बाद उन्होंने बयान दिया था कि कासिम सुलेमानी की आतंकी साजिशें दिल्ली से लेकर लंदन तक फैली थीं। अगर कहीं भी अमेरिकियों को डराया गया, तो हमने टारगेट लिस्ट पहले ही तैयार कर ली है। हम जरूरत के हिसाब से हर तरह की कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
बता दें कि कासिम सुलेमानी पर आरोप था कि वो सीरिया और ईराक में अमेरिका के खिलाफ लड़ाकू सेना तैयार कर रहा था। साथ ही इस सेना में शामिल लोगों को ट्रेनिंग भी दे रहा था।