रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर वनमण्डल के तेंदूपत्ता संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक की राशि का नगद भुगतान करने की स्वीकृति प्रदान की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने आज मुख्यमंत्री बघेल को तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक की राशि के नगद भुगतान के लिए पत्र लिखकर अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने तत्काल स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में मंत्री लखमा ने लिखा है कि वनमण्डल सुकमा, वनमण्डल दंतेवाड़ा और वनमण्डल बीजापुर तीनों घोर संवेदनशील और नक्सल प्रभावित जिलों में हैं। इन जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों और जनप्रतिनिधियों ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक का नगद भुगतान कराने का आग्रह किया है। मंत्री लखमा ने पत्र में लिखा है कि इन तीनों जिलों में भी तेंदूपत्ता का भुगतान बैंक के माध्यम से करने का प्रावधान है। परंतु संग्राहकों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता नहीं होने के कारण बैंक के माध्यम से भुगतान में काफी दिक्कत होती है। एक तो यह क्षेत्र संवेदनशील है और अंदरूनी गांवों से बैंक की दूरी 70 से 80 किलोमीटर तक है।
मुख्यमंत्री ने तेंदूपत्ता संग्राहकों और इन जिलों के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को बैंक से पारिश्रमिक से भुगतान के आदेश को निरस्त करते हुए सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर तीनों वनमण्डलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक की राशि का नगद भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं।