रायपुर। आईपीएस अधिकारी अजय यादव मूलरूप से छग प्रदेश के हैं। बस्तर के सरकारी स्कूल में इन्होंने शिक्षा ली, मप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा में असफल हुए, इसके बाद भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी में तीन बार सफलता का परचम लहराया और आईपीएस के तौर पर सेवा देना इन्होंने स्वीकार किया। बस्तर के इस लाडले सपूत को बस्तर पुलिस अधीक्षक का दायित्व भी मिल चुका है, जिसका इन्होंने सफलतापूर्वक निर्वहन किया और अब दुर्ग में बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेवाएं देने के बाद राजधानी के एसएसपी की कमान इन्हें सौंपी गई है।
आईपीएस अजय यादव की मानें तो सफलता के लिए हारना बहुत जरूरी है। उनके साथ भी यही हुआ था, जिसका परिणाम सबके सामने है। उनका यह भी मानना है कि आमतौर पर लोग सामना करने से घबराते हैं, जबकि सामना करने से चीजें आसान हो जाती है, रास्ता सरल हो जाता है। असफलता एक से दो बार आएगी, लेकिन एक बार सफल होने के बाद उस असफलता का कोई मायना नहीं होता है।
आईपीएस अजय यादव जांजगीर-चांपा में भी बतौर पुलिस अधीक्षक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पुलिसिंग को बेहतर करने के साथ ही अनुशासन और धैर्य को सहजता से स्वीकार करने वाले डीआईजी अजय यादव मानते हैं कि समाज में सुरक्षा का भाव होना सबसे ज्यादा जरूरी है, यही सही मायने में पुलिस के होने का मतलब है। जिसके लिए वे हमेशा काम करते हैं।