लिपुलेख-गर्बाधार मार्ग से चीन सीमा तक भारत की पहुंच होते ही नेपाल के तेवर लगातार तल्ख होते जा रहे हैं। पहले उसने तीन भारतीय क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल किया और अब भारत से लगती सीमा पर 89 नए बॉर्डर आउटपोस्ट बनाने जा रहा है। यहां पर करीब दस हजार सशस्त्र प्रहरी बल के जवानों को तैनात करने की योजना है।
इन बीओपी में उत्तराखंड के कुमाऊं से लगती सीमा पर कंचनपुर जिले में आठ, डडेल्धुरा में तीन, कैलाली में एक और बैतड़ी में एक बीओपी बनाई जाएगी। निर्माण कार्य का जायजा लेने ही एक महीने में लगातार दूसरी बार नेपाली सशस्त्र प्रहरी बल के आइजीपी दार्चुला भ्रमण पर आ रहे हैं। उनके साथ नेपाली सेनाध्यक्ष के भी आने की सूचना है, लेकिन नेपाल की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मिशन तराई के बाद पश्चिमांचल बदले हालात में नेपाल ने मिशन तराई के बाद अब पश्चिमांचल अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य विकास से कटे सुदूर के सीमावर्ती क्ष्ेात्रों को विकास की मुख्य धारा से जोडऩा है। इसके अतिरिक्त नेपाल यहां पर सैन्य गतिविधियों को भी तेजी से बढ़ाएगा। बीओपी के साथ ही सशस्त्र बल की संख्या भी बढ़ानी है। इसी के तहत हिल्सा, मुस्तांग, मनांग व दार्चुला में बीओपी स्थापित की जा रही है।
चीन सीमा पर भी चौकसी नेपाली गृह मंत्रालय के अनुसार चीन से लगती उत्तरी सीमा पर तपलजंग व ओलांगचुंग में एक-एक बीओपी बनाई जाएगी। हाल ही में सशस्त्र बल ने चीन की ओर हुमला व हिलसा नाका में भी बीओपी स्थापित किया है।