रायपुर। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) कार्यों में छत्तीसगढ़ का उत्कृष्ट प्रदर्शन लगातार जारी है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा जॉबकॉर्डधारी परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। अप्रैल, मई और जून में कुल 55 हजार 981 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। देश में 100 दिनों का रोजगार हासिल करने वाले कुल परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है।
चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन के मामले में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। शुरूआती तीन महीनों में ही यहां सालभर के लक्ष्य का 66 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। इस दौरान आठ करोड़ 84 लाख 50 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। ग्रामीणों को रोजगार देने में नक्सल प्रभावित जिलों ने अच्छा काम किया है। प्रदेश में लक्ष्य के विरूद्ध सर्वाधिक रोजगार देने वाले पहले पांच जिले बस्तर संभाग के हैं। प्रदेश के दस जिलों ने इस वर्ष के लिए स्वीकृत लेबर बजट का 70 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण कर लिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने मनरेगा में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते लाक-डाउन के बावजूद मनरेगा के अंतर्गत तत्परता से शुरू हुए कार्यों से ग्रामीणों को बड़ी संख्या में सीधे रोजगार मिला। मनरेगा कार्यों ने विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता और मनरेगा टीम की सक्रियता से प्रदेश में आगे भी मनरेगा के तहत बेहतरीन कार्य होंगे।
भारत सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ के लिए कुल 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया है। वर्ष के प्रथम तीन महीनों में ही प्रदेश ने आठ करोड़ 84 लाख 50 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन कर 66 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। पहली तिमाही में रोजगार सृजन का राष्ट्रीय औसत 39 प्रतिशत है। प्रदेश में लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार देने में नारायणपुर जिला सबसे आगे है। वहां 84 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश के नौ अन्य जिलों ने भी 70 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण कर लिया है। सुकमा 78 प्रतिशत, बीजापुर 77 प्रतिशत, बस्तर 74 प्रतिशत, कोंडागांव और रायगढ़ 73-73 प्रतिशत, कांकेर और दंतेवाड़ा 72-72 प्रतिशत, कोरबा और गरियाबंद 71-71 प्रतिशत ने भी इस साल के लक्ष्य का 70 प्रतिशत से अधिक हासिल कर लिया है। शेष 18 जिलों ने भी 60 प्रतिशत से अधिक रोजगार सृजन कर लिया है।
जरूरतमंद परिवारों को मनरेगा के तहत 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में भी प्रदेश में अच्छा काम हुआ है। देश में 100 दिनों का रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की कुल संख्या एक लाख 37 हजार 365 है। इनमें से 40.75 प्रतिशत यानि 55 हजार 981 परिवार अकेले छत्तीसगढ़ के हैं। प्रदेश में कबीरधाम जिले में सर्वाधिक 6139 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस साल अब तक बिलासपुर में 4410 परिवारों, राजनांदगांव में 3804, धमतरी में 3261, बलौदाबाजार-भाटापारा में 3240, और मुंगेली में 3037 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।