लद्दाख सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं में टकराव के बाद तनाव के हालातों का असर अब देश में चीनी उत्पादों के विरोध के रूप में देखा जा रहा है। इसी क्रम में आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में चीन की कंपनियों के प्रायोजकों को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की। बता दें कि किंग्स इलेवन पंजाब टीम की मालिक फिल्म एक्ट्रेस प्रीटी जिंटा हैं।
बता दें कि गलवन घाटी में 15 जून को हुए टकराव में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस घटना के बाद चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। इस घटना के बीच बीसीसीआई को चीन की कंपनियों से प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी, हालांकि ये बैठक अब तक नहीं हो पाई है।
भारत में कई प्रायोजक मौजूद
नेस वाडिया ने मंगलवार को कहा – हमें देश की खातिर आईपीएल में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ने का फैसला करना चाहिए। देश पहले है, पैसा बाद में आता है। और वैसे भी यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं। उन्होंने कहा कि क्रिकेट पूरे भारत में लोकप्रिय है और ऐसा कदम उठाकर हम उदाहरण पेश कर सकते हैं। लोग हमारा अनुसरण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि शुरुआत में आईपीएल के लिए प्रायोजक ढूंढना मुश्किल हो, लेकिन भारत में काफी स्पॉन्सर्स हैं जो पहले भी क्रिकेट से जुड़े रहे हैं। ऐसे में भारतीय प्रायोजक इन चीनी प्रायोजकों की जगह ले सकते हैं। हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों का जो हमारे लिए अपनी जान पर खेल रहे हैं।
वीवो है टाइटल स्पॉन्सर
बता दें कि चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर है और 2022 तक चलने वाले करार के तहत वह हर साल बीसीसीआई को 440 करोड़ रुपए देती है। आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है। सिर्फ आईपीएल गवर्निंग बॉडी ही नहीं फ्रेंचाइजी टीमों के साथ भी चीन की प्रायोजक कंपनियां जुड़ी हुई हैं। ऐसे में टीमों को भी इस बारे में फैसला करना चाहिए।
अन्य टीमों का रुख साफ नहीं
किंग्स इलेवन के सह मालिक नेस वाडिया ने भले ही अपना पक्ष साफ कर दिया है, लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स और अन्य टीमें कह चुकी हैं कि वे सरकार के फैसले का अनुसरण करेंगी। चेन्नई सुपर किंग्स ने कहा – शुरुआत में स्पॉन्सर की तलाश थोड़ी मुश्किल होगी, पर देश के खातिर यदि ऐसा किया जाता है तो हमें तैयार हैं। एक अन्य फ्रेंचाइजी टीम के मालिक ने कहा – सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसके साथ चलेंगे।
इस पर नेस वाडिया ने कहा – ये बेहद गंभीर मसला है और इसके लिए सरकार के निर्देशों का इंतजार करना ठीक नहीं है क्योंकि इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। यदि मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो मैं आगामी सत्र के लिए भारतीय प्रायोजक की तलाश शुरू कर देता। वाडिया ने केंद्र सरकार द्वारा चीन के 59 एप को प्रतिबंधित करने के फैसले को भी जायजा ठहराते हुए उसके स्वागत किया।