जशपुर। झारखंड की सरहद के पास मौजुद विवादित गाँव में एक बार फिर पुलिस महिलाओं के आगे बेबस हो गई। लाठी डंडों से लैस महिलाओं ने पुलिस के कब्जे में मौजुद आरोपियों को छीन लिया, और पुलिस को खाली हाथ लौटना पडा। साही टांगर टोली में पुलिस को हमले के साथ इस तरह का विरोध कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी पुलिस को इस तरह की वारदात का सामना करना पड़ा है।
छग और झारखंड के सरहद का यह गाँव अपराधिक घटना के वांछितों के स्थाई पते के रुप में पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज है। लेकिन जब भी पुलिस इस गाँव में कार्यवाही के लिए जाती है, संगठित रुप से मौजुद महिलाएँ हिंसक रुप से आगे आती हैं और पुलिस कार्यवाही नहीं कर पाती है।
हालिया घटना को लेकर जानकारी आई है उसके अनुसार पुलिस मवेशी तस्करी की सूचना पर सुबह पहुँची थी और जब संदेहास्पद पिक-अप को रोकने की कोशिश हुई तो रोकने के बजाय, पिक-अप सवारों ने बाईक सवार पुलिसकर्मियों पर ही गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। सतर्क पुलिसकर्मी बच गए लेकिन बाईक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस टीम पिक-अप सवार अभियुक्तों को पकड़ने गाँव पहुँची तो महिलाएँ लाठी डंडे से लैस होकर आगे आ गईं और पुलिस के कब्जे में मौजुद अभियुक्तों को छूड़ा ले गईं।
इस मामले में सरगुजा रेंज के आईजी रतनलाल डांगी का कहना है कि “कानून से उपर कोई नहीं है.. पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है.. कानून अपना काम पूरी सख्ती से करेगा”।