कानपुर। देर रात कुख्यात हिस्ट्रीशीटर से मुठभेड़ में डीएसपी सहित 8 जवान शहीद हो गए हैं। शहीदों में 3 सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। हमले में पुलिस के कई जवान गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस पार्टी इलाके के कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी।
विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या कर दी थी । विकास के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं ।
कानपुर के चैबेपुर में हुई मुठभेड़ के बाद कन्नौज की पुलिस हाई अलर्ट पर। जिलेभर की पुलिस अलग-अलग स्थानों पर चेकिंग में जुटी। जीटी रोड से निकलने वाले हर आने-जाने वालों पर रखी जा रही निगाह। गुजरने वाली सभी गाड़ियों की पड़ताल जारी है।
इन्हें मिली शहादत –
1-देवेंद्र कुमार मिश्र,सीओ बिल्हौर
2-महेश यादव,एसओ शिवराजपुर
3-अनूप कुमार,चैकी इंचार्ज मंधना
4-नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
5-सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चैबेपुर
6-राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
7-जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर
8-बबलू कांस्टेबल बिठूर
बताया जा रहा है कि पुलिस पार्टी के पहुंचने की सूचना के बाद हिस्ट्रशीटर का पूरा गैंग सक्रिय हो गया और घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं। बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके 8, 10 साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चैबेपुर पुलिस ने मिलकर विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी।