मुंबई, बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लिए ये साल बेदह ही बुरा रहा है। एक के बाद एक स्टार्स के निधन से सभी सदमे में हैं। वहीं हाल ही में राइजिंग स्टार सुशांत सिंह राजपूत के निधन की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है। वहीं अब दिग्गज कोरियॉग्रफर सरोज खान के निधन की खबर ने स्टार्स और उनके फैंस को गहरा सदमा दिया है। शुक्रवार देर रात कार्डियक अरेस्ट के चलते 71 साल की सरोज खान का निधन मुंबई में हो गया। उन्हें काफी समय से सांस लेने में तकलीफ थी इसी वजह से उन्हें 17 जून से मुंबई के बांद्रा में स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। सरोज खान अपने प्रोफेशनल लाइफ के अलावा अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से भी सुर्खियों में रहती थीं। आज हम आपको उनकी लाइफ के बरे में कुछ खास बतें बताने जा रहे हैं…
निर्मला नागपाल था असली नाम
पूरी फिल्म इंडस्ट्री को अपने इशारों पर नचाने वाली सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। उनके पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। भारत-पाकिस्तान के बटवारे के बाद सरोज खान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आ गई थीं। सरोज ने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार महज 3 साल की उम्र की थी। उनकी पहली फिल्म ‘नजराना’ थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था।
13 साल की उम्र में की शादी : कोरियॉग्रफर सरोज ने डांस की ट्रेनिंग बी सोहनलाल से ली थी। इसी दौरान वह और सोहनलाल एक दूसरे के करीब आए। इसके बाद सरोज ने 43 साल के सोहनलाल से शादी कर ली। उस वक्त सरोज खान की उम्र महज 13 साल थी। जिस वक्त सरोज ने सोहन लाल पहले से शादी की थी वह पहले से ही शादीशुदा थे। वहीं दोनों की उम्र में बहुत ज्यादा फासला था। एक बार सरोज खान ने अपनी शादी को लेकर बात करते हुए एक इंटरव्यू में बताया था- ‘मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी। तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरी शादी हो गई थी। वहीं मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कुबूल किया था।’
पति के निधन के बाद अकेले संभाला बच्चों को सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी के वक्त उन्हें ये बात पता नहीं थी कि बी.सोहनलाल पहले से ही शादीशुदा थे। इस बारे में उन्हें साल 1963 तब पता चली जब उन्होंने बेटे राजू खान को जन्म दिया था। वहीं दूसरे बच्चे का निधन 8 महीने बाद ही हो गई थी। सरोज खान ने बताया था कि उनके पति सोहनलाल ने उनके बच्चों को अपना नाम देने से मना कर दिया था इसी वजह से उनके बीच दूरिया आ गई थीं। लेकिन जब कुछ सालों बाद सोहनलाल को हार्ट अटैक आया तब सरोज फिर उनके पास आईं। उसी के बाद उनहोंने बेटी कुकु को जन्म दिया। सरोज ने अपने बच्चों की परवरिश अकेले ही की।