पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सैन्य गतिरोध के बीच नौसेना भी ऑपरेशनल मोड में आ चुकी है। नौसेना का एक दस्ता सेना के जवानों के साथ मिलकर पैंगांग झील में गश्त कर रहा है। वहां गश्त के लिए पहले से उपलब्ध अत्याधुनिक अमेरिकी मोटरबोट के अलावा डेढ़ दर्जन अत्याधुनिक युद्धक मोटरबोट भी लद्दाख भेजी जा रही हैं।
गलवन घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प से पहले 5 मई को पैंगांग त्सो के इलाके में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मारपीट हुई थी। पैगांग झील का एक हिस्सा भारत के पास है और दो तिहाई हिस्सा चीन के पास। वास्तविक नियंत्रण रेखा समुद्रतल से करीब 14 हजार की फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील से होकर गुजरती है। भारतीय थलसेना के जवान इसझील में मोटरबोट के जरिए गश्त कर चीनी घुसपैठ को रोकते हैं।
गलवन घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद से लद्दाख में सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है। दोनों तरफ से युद्धक तैयारियां चल रही हैं। चीन से निपटने के लिए थलसेना ने तोपखाने और टैंक रेजिमेंट के अतिरिक्त दस्तों को अग्रिम हिस्सों में तैनात किया है। वायुसेना भी लद्दाख में ऑपरेशनल मोड में है। अपाची और चिनूक हेलिकॉप्टर भी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सटे इलाकों में गश्त कर रहे हैं। सुखोई विमान आए दिन उड़ान भर रहे हैं।