इंसानियत यानी मानवता, फिर चाहे वो किसी भी देश का हो, किसी भी जाति का हो या फिर किसी भी शहर का हो सबका एकमात्र प्रथम उद्देश्य एक अच्छा इंसान बनने का होना चाहिए। हर किसी इंसान के रंग रूप, सूरत, शारीरिक बनावट, रहन-सहन, सोच-विचार और भाषा आदि में समानतायें भी होती हैं और असमानताएं भी होती हैं, लेकिन ईश्वर ने हम सभी को पाँच तत्वों से बनाया है। हम सभी में इस परमात्मा का अंश है। आज के इस दौर में इंसान मानवता को छोड़कर, इंसान के द्वारा बनाये गए भेद-भाव के रास्ते पर निकल पड़ा है। इसमें कुछ तो हम लोगों की अपनी सोच है, जिसके चलते एक इंसान किसी दूसरे इंसान की ना तो मज़बूरी समझता है और ना ही उसकी मदद ही करता है।
इस वीडियो के जरिये बताया जा रहा है की आज का युग यानि कलयुग में इंसान से ज्यादा तो जानवर ही समझदार है बिलकुल वैसे ही जैसे पहले की तरह लोग थे। आजकल कोई भी बिना किसी मतलभ के किसी की मदद नहीं करता है।