छत्तीसगढ़ में अनलॉक शुरु होने के बाद लगातार तेज हो रही आर्थिक गतिविधियों का असर दस्तावेजों की रजिस्ट्रियों में भी दिखने लगा है। पिछले साल के जून माह की तुलना में इस साल जून माह में 17 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई, वहीं दस्तावेजों के पंजीयन में भी 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
यह आंकड़े बताते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान किए गए उपायों से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही। संकट काल में भी राज्य ने कृषि क्षेत्र में तेज आर्थिक वृद्धि दर्ज की, जिसकी सराहना रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने भी की थी। रोजगार के क्षेत्र में मनरेगा के जरिये गांवों में वृहद पैमाने पर रोजगार मूलक कार्यों का संचालन एवं नियमित भुगतान की वजह से आम लोगों के बीच धन-राशि का प्रवाह निरंतर बना रहा। इसी दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिये राज्य के किसानों को सीधे मदद पहुंचाई गई। प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के दौरान उद्योगों को भी संचालन में रियायतें दीं। खेती-किसानी पर आधारित व्यावसायिक गतिविधियां भी निरंतर जारी रहीं। जिसकी वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही।
वर्ष 2019 के जून माह में 107.53 करोड़ रुपए का राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन से प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष, यानी 2020 के जून माह में 125.74 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति शासन को हुई है। पिछले साल जून महीने में 23,391 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि इस साल इस जून माह में 27,759 दस्तावेज पंजीबद्ध किए गए। कोरोना महामहारी की वजह से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण लॉकडाउन के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ-साथ दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य भी प्रभावित हुआ था, इसके मद्देनजर पक्षकारों की सुविधा के लिए शासन द्वारा पंजीयन कार्यालयों में विशेष इंतजाम किए गए थे। जून महीने में प्रत्येक तीन घंटे में तीन अप्वाइंमेंट की व्यवस्था दस्तावेजों के पंजीयन के लिए लागू की गई, ताकि दस्तावेजों का पंजीयन तेजी से किया जा सके।
अनलॉक होते ही प्रदेश में रजिस्ट्रियों में आयी तेजी , पिछले वर्ष के जून से इस साल 19 प्रतिशत ज्यादा रजिस्ट्रियां
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