समुद्रतल से करीब 11 हजार फुट की ऊंचाई दुर्गम क्षेत्र, ऑक्सीजन की कमी और शुष्क हवाएं। मौसम भी यहां दिन में कई बार बदलता है। ऐसा है लेह जिले का नीमू इलाका। लद्दाख पहुंचने के बाद आम आदमी को दो दिन आराम करना पड़ता है और नीमू इलाके में जाने से पहले तो जवानों को भी सख्त ट्रेनिंग दी जाती है लेकिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक दिल्ली की गर्म फिजा से सीधे नीमू में जवानों के बीच पहुंचकर सभी को चौंका दिया। नीमू के पूर्व में चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा है तो पश्चिम में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा। जानें क्यों हैरान कर रहा है पीएम मोदी का यह दौरा…
प्रधानमंत्री का बिना रुके-बिना थके, यहां गरजती आवाज में जवानों को संबोधित करना, अस्पताल जाना, अग्रिम चौकी का दौरा और फिर सैन्य कमांडरों से बैठक करना जवानों में ऊर्जा का संचार कर गया। पीएम के लद्दाख दौरे से उनके स्वास्थ्य, योगाभ्यास और संकल्पशक्ति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि लद्दाख को बर्फीला रेगिस्तान भी कहते हैं, यहां मैदानी इलाकों से पहुंचे किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए सीधे काम पर डट जाना, पैदल चलना या ऐसा कोई भी काम करना, जिसमें शारीरिक ऊर्जा लगती हो, कई बार घातक साबित होता है।
स्वास्थ्य की परवाह नहीं, चिंता देश की लद्दाख में सेवारत कर्नल रैंक के एक अधिकारी ने कहा कि यहां तैनात होने वाले किसी भी सैन्य अधिकारी और जवान को पहले यहां के मौसम के अनुकूल बनाया जाता है। उसे कम से कम तीन से चार दिन तक आराम की स्थिति में रखा जाता है। उसके बाद उसे धीरे-धीरे वह सब काम सौंपे जाते हैं, जिससे उसका शरीर पूरी तरह से लद्दाख के मौसम की मार को झेलने लायक हो जाए। इसलिए अग्रिम इलाकों में जवानों और अधिकारियां को तैनात करने से पूर्व उन्हें ड्यूटी की प्रकृति एवं शरीर की क्षमता के आधार पर 15 दिन से एक माह की ट्रेनिंग में शामिल किया जाता है।
अन्य प्रदेशों से अलग है लद्दाख का मौसम केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख समुद्रतल से करीब 11 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। स्थानीय लोग जो सदियों से लद्दाख में रह रहे हैं, उनका शरीर स्थानीय मौसम के अनुकूल हो चुका है। लद्दाख में ऑक्सीजन की कमी है। हवा भी शुष्क होती है। इसीलिए अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। कई बार उनके शरीर में सुस्ती सी आ जाती है, हल्का बुखार या फिर सिरदर्द के साथ तेज बुखार हो जाता है।