रायपुर। एसटीएफ के दो जवान हथियारों के साथ एक ऐसे मिशन पर हैं, जहां उन्हें सीधे आतंकियों का सामना करना है और उन्हें ढे़र करना है। हाथों में बंदूक लिए दोनों जवान पूरी मुस्तैदी से आगे बढ़ते हैं। उस बिल्डिंग में दाखिल होते हैं, जहंा आतंकी छिपे हुए हैं। पूरी सतर्कता के साथ उस कमरे के सामने पहुंचते हैं, जहां पर आतंकियों के छिपे होने का प्वाइंट दिया गया है।
दोनों जवान पूरी सतर्कता के साथ दरवाजे के सामने खड़े होकर दिखते ही गोली मारने की तैयारी के साथ दरवाजे को लात मारते हैं, और सामने खड़े आतंकियों पर गोलियां बरसाकर आगे बढ़ते जाते हैं और भीतर के कमरों में छिपे आतंकियों को भी अपनी गोलियों का निशाना बना देते हैं।
हालांकि यह सब एसटीएफ जवानों का माॅकड्रिल था, जो स्पंदन कार्यक्रम के तहत पूरा किया गया। लेकिन उरी हमले के बाद जो सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना के जवानों पाकिस्तान में किया था, दरअसल दी गई इसी तरह की ट्रेनिंग का हिस्सा था।