गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील के पास स्थित बरखवां गांव में अवैध रूप से संचालित एक पटाखा फैक्ट्री में रविवार की दोपहर एक के बाद एक कई धमाके हुए। इस घटना में अभी तक आठ लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। जबकि दर्जन भर से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के अलावा अन्य पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर से शवों को निकालने के साथ ही आग बुझाने की कवायद तेज कर दी है।
पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में रविवार को भी बम बनाने का काम चल रहा था। आशंका है कि उस वक्त फैक्ट्री के अंदर करीब 30 लोग काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक एक धमाका हुआ और आग लग गई। देखते ही देखते फैक्ट्री में एक के बाद एक कई धमाके हुए और पूरी फैक्ट्री आग की चपेट में आ गई। अंदर काम कर रहे मजदूरों ने भागने का प्रयास तो किया, लेकिन आग की लपटों में बुरी तरह से घिर जाने की वजह से कुछ ही लोग बाहर निकल पाए। इधर, धमाके की सूचना से बरखवां ही नहीं, आसपास के गांव यहां तक कि गाजियाबाद तक दहशत की स्थिति बन गई। आनन फानन में जिला मुख्यालय से राहत टीमों को रवाना करने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के साथ मौके के लिए रवाना हो गए। उधर, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नीरज कुमार जादौन भी दल बल के साथ मौके पर पहुंच कर राहत कार्य शुरू करा दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनी गई।
अवैध रूप से संचालित हो रही थी फैक्ट्री
ग्रामीणों ने बताया कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से आवासीय क्षेत्र में करीब पांच साल से संचालित हो रही थी। इसकी पूरी सूचना पुलिस और प्रशासन को थी, बावजूद इसके इसे बंद कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इसी फैक्ट्री में पूर्व में काम करने वाले किसी व्यक्ति ने पुलिस में लिखित शिकायत दी थी। इसके बाद सीओ मोदीनगर और थाना प्रभारी ने फैक्ट्री आकर मुआयना किया था। यहां तक कि फैक्ट्री संचालक को हिरासत में भी लिया गया था। लेकिन देर रात उसे छोड़ दिया गया।