अहमदाबाद। पैसों की लालच में आकर दुष्कर्म के आरोपी को बचाने के लिए उसे रिश्वत लेने वाली महिला एसआई ने ना तो वर्दी का मान रखा और ना ही महिला होने का। अब उसके खिलाफ सारे सबूत जांच एजेंसी के हाथ लग गए हैं। रिश्वतखोर महिला एसआई को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
पुलिस के मुताबिक, साल 2016-17 बैच की पीएसआई श्वेता जडेजा महिला वेस्ट पुलिस थाने की प्रभारी के तौर पर तैनात हैं। हाल ही में केनल शाह नाम के शख्स के खिलाफ रेप के मामले में एफआईआर दर्ज कराया गया था। जडेजा मामले की जांच कर रही थीं। कुछ समय पहले उन्होंने कथित तौर पर शाह को फोन किया और उन्हें पीएसए के तहत जेल में डाल देने की धमकी दी और 35 लाख का रिश्वत मांगा।
एसओजी को सौंपा गया मामला
इसके बाद शाह ने क्राइम ब्रांच को एक ऐप्लीकेशन लिखा। मामले को संज्ञान में लेते हुए अपराध शाखा ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जडेजा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। केस को क्राइम ब्रांच से एसओजी को ट्रांसफर कर दिया गया है।
क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा ने बताया कि 26 जून को एक शख्स ने श्वेता जडेजा के खिलाफ शिकायत दाखिल किया था। शिकायतकर्ता के भाई के खिलाफ महिला थाने में बलात्कार के दो मामले दर्ज हैं। शिकायतकर्ता ने अपने ऐप्लीकेशन में आरोप लगाया गया था कि उसके भाई के खिलाफ पीएएसए के तहत केस दर्ज न करने के एवज में पीएसआई ने 35 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की थी। एसओजी के सूत्रों ने बताया कि रिश्वत के लिए खुद पीएसआई ने शिकायतकर्ता के भाई को कॉल किया था।
हवाला के जरिए भेजा 20 लाख
शिकायत में कहा गया है कि पहले तो 20 लाख रुपये हवाला के जरिए पीएसआई के पास भेजे गए थे। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उसी प्रक्रिया से 15 लाख रुपये बाद में भेजे। एसओजी अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान फरवरी में हवाला के जरिए जिस लड़की ने पैसे जमा कराए थे, उसका बयान दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने हवाला स्लिप और उसी वक्त में खाते से निकाले गए पैसे का प्रमाण भी अधिकारियों के सामने रखा है।
हाथ लगे हैं कई सबूत
इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने जांच अधिकारियों को वॉट्सऐप मैसेज और बातचीत की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई है, जिसमें रिश्वत की मांग की गई है। एसओजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हवाला फर्म के एक कर्मचारी के बयान ने भी महिला पीएसआई के खिलाफ आरोपों को मजबूती दी है। पीएसआई जडेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया है।