राजनांदगांव। कवर्धा जिले के लोहारा की निवासी करीब आठ माह पहले लापता हो गई थी। राजनांदगांव में वह नर्सिंग का कोर्स कर रही थी। 7 अक्टूबर 2019 से लापता सुमन पटेल को परिजनों ने काफी तलाशा, लेकिन उनके हाथ हताशा आई। इसके बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस भी कवर्धा से लेकर राजनांदगांव तक चक्कर लगा रही थी, लेकिन सुराग अब जाकर हाथ लगा। इस मामले में सुमन के कथित प्रेमी मनोज को हिरासत में लेकर जब पुलिस ने सख्ती बरती, तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
दरअसल, इस पूरे मामले में संदेह की सुई मनोज पर अटकी हुई थी, लेकिन वह हाथ नहीं लग पा रहा था। गुमशुदा सुमन की तलाश में खाक छान रही पुलिस को डोंगरगढ़ के प्रज्ञापुरी की पहाड़ियों में एक कंकाल मिलने की सूचना मिली, जिसकी शिनाख्ती सुमन के तौर पर हुई। इसके बाद हिरासत में लिए गए मनोज से जब पूछताछ शुरू हुई तो, उसने पूरी कहानी उगल दी।
पूछताछ में बताया कि वह 6 अक्टूबर से सुमन के साथ था। दोनों घुमने के लिए डोंगरगढ़ गए थे। दूसरे दिन 7 अक्टूबर को दोनों के बीच विवाद हो गया। विवाद इस कदर बढ़ा कि मनोज ने सुमन को वहीं पर मौत के घाट उतार दिया। पहाड़ियों में उसकी लाश सड़ती रही और आखिरकार कंकाल में तब्दील हो गई।