कानपुर। डीएसपी सहित 8 पुलिस वालों को गोलियों से भूनकर फरार होने वाले कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की वर्दीवालों के बीच खासी घुसपैठ थी। इस मामले में एक थानेदार सहित चार लोगों के खिलाफ सबूत भी सामने चुके हैं, और उन पर निलंबन की गाज भी गिर चुकी है, लेकिन वर्दीवालों की शहादत को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
इस पूरे मामले में अब करीब 200 वर्दीवाले शक के दायरे में आ चुके हैं, जिनकी वजह से डीएसपी सहित 8 कर्तव्यनिष्ठ पुलिस वालों को जान से हाथ धोना पड़ गया। इधर दहशत का पर्याय बन चुके गैंगस्टर विकास दुबे के बारे में कोई भी खबर नहीं मिलने की वजह से अब पुलिस वालों पर ही शक गहराता जा रहा है।
गैंगस्टर विकास को दबोचने के लिए गई डीएसपी की टीम के आने की सूचना पहले से गैंगस्टर विकास दुबे को मिल गई थी, जिसकी वजह से वे हमले के लिए पूरी तरह से तैयार थे। इस मामले में शहीद डीएसपी की बेटी ने एसएसपी को वीडियो रिकार्डिंग भी सौंपी है, जिसमें उसके पिता ने तात्कालीन एसएसपी को पूरी स्थिति से अवगत कराया था।
इस पूरे प्रकरण में सच्चाई यही है कि खाकी की शहादत की मूल वजह वर्दीवाले ही हैं, जिन्होंने गैंगस्टर विकास दुबे को पहले से ही पुलिस की सारी गतिविधियों से अवगत करा दिया था। अब खाकी की मान को मटियामेट करने वाले कितने वर्दीवालों का नाम सामने आता है और यूपी सरकार ऐसे दोगले पुलिस वालों के खिलाफ कितनी सख्ती दिखाते हैं, देखने का विषय है।