मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मानव और पशुधन के बीच आदिकाल से अटूट नाता रहा है। इस तरह पशुधन का संरक्षण और संवर्धन हमारे विकास के लिए आवश्यक है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा अहम निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ में हरेली त्यौहार के दिन से ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत की जा रही है। यह गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में सर्वसमाज के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए उक्त आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य में नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के कार्यक्रम के तहत गांवों में गौठान का निर्माण किया जाएगा। इन गौठानों के सही ढंग से संचालन के लिए गठित गौठान समिति में गांव के चरवाहा भी अनिवार्य रूप से सदस्य होंगे। गौठान समिति द्वारा अर्जित आय में चरवाहा की भी हिस्सेदारी होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अवगत कराया कि राज्य में अभी तक दो हजार 200 गौठानों का निर्माण हो चुका है और लगभग तीन हजार गौठानों का निर्माण प्रगति पर है। राज्य में गौठान निर्माण कार्य को गति देते हुए आगे हर गांव में गौठान का निर्माण किया जाएगा।