बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में ई-लोक अदालत के माध्यम से आज 2270 प्रकरणों का निराकरण किए जाने के साथ ही 43 करोड़ 72 लाख 86 हजार 902 रूपए की सेटलमेंट राशि पारित की गई। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां अदालतों में लंबित मामलों के निराकरण के लिए पहली बार ई-लोक अदालत का आयोजन हुआ है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.आर. रामचन्द्र मेनन ने आज ई-लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा, जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं अन्य न्यायधीशगण, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल नीलम चंद सांखला, रजिस्ट्रार सीपीसी शहाबुद्दीन कुरैशी उपस्थित थे। पक्षकारों के मामलों की सुनवाई और उसका निराकरण वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य में ई-लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण के लिए 23 जिलों में कुल 195 खंडपीठे स्थापित की गई थी। इन खंडपीठों के माध्यम से कुल 2270 प्रकरणों का आपसी समझौते से निराकरण हुआ और 43 करोड़ 72 लाख 75 हजार 902 रूपए की सेटलमेंट राशि पारित की गई।
ई-लोक अदालत के माध्यम से रायपुर जिले में 562,
बस्तर जिले में 15,
बलौदाबाजार में 88,
बलरामपुर में 04,
बालोद में 179,
बेमेतरा में 48,
बिलासपुर में 195,
धमतरी में 22,
दुर्ग में 294,
जांजगीर में 116,
जशपुर में 42,
कबीरधाम में 44,
कांकेर में 23,
कोण्डागांव में 11,
कोरबा में 65,
कोरिया में 49,
महासमुंद में 99,
मुंगेली में 24,
रायगढ़ में 45,
राजनांदगांव में 150,
सरगुजा में 22,
सूरजपुर में 18 तथा हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति द्वारा 155 मामलों का निराकरण किया गया।