बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारत की पहली राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत की शुरुआत हो गई है। राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आयोजित की गई। इसका उद्घाटन उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी आर रामचंद्र मेनन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। किया। ई-लोक अदालत उच्च न्यायालय के साथ सभी जिला न्यायालयों और तहसील न्यायालयों में भी आयोजित की जा रही है। राज्य के 23 जिलों के सभी न्यायालय, पक्षकार, अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से उद्घाटन समारोह से जुड़े। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देश भर में इसे देखा गया।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि बिलासपुर जिले में 11 जुलाई को राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह देश के न्यायिक इतिहास में पहली बार हो रहा है, जब लोक अदालत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगा, जिसमें पक्षकार और वकील को न्यायालय आने की जरूरत नहीं होगी। घर में बैठे पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से प्रकरण निराकृत होंगे।
जस्टिस श्री मेनन ने अपने उद्बोधन में कहा कि –
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते किये गये लाॅकडाउन में सार्वजनिक विभाग ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। न्याय व्यवस्था भी इससे प्रभावित हुई है। अधिवक्ता और पक्षकार भी कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान न्यायालयों की गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं। इसके कारण हमारे द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश को रद्द करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 5212 से अधिक केस फाईल किये गये। हाईकोर्ट में 3956 मामलों का निपटारा किया गया। निराकृत मामलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनकी सुनवाई पिछले 5 सालों से ज्यादा समय से चल रही थी। जिला और निचली अदालतों में भी उनकी आधारभूत संरचनाओं के मान से अच्छा काम हुआ। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में अकेले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 45 हजार से अधिक मामले फाईल किये गय और 39 हजार से अधिक मामलों का निराकरण किया गया। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से पहले जनवरी से लेकर मार्च तक 10 हजार 639 मामले दायर किये गये, जिनमें से 8 हजार 736 मामलों में फैसला दिया गया।
जस्टिस श्री मेनन ने आगे कहा कि ई-लोक अदालत प्रदेश भर में लगाई जा रही है। यह महत्वपूर्ण है। लाॅकडाउन के कारण सभी गतिविधियों प्रभावित हुई हैं, इससे न्यायिक क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में ई-लोक अदालत एक प्रयास है कि हम मुकदमे से जुड़े लोगों की तकलीफों को कम कर सकें।
जस्टिस श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और समिति के अध्यक्ष जस्टिस श्री गौतम चैरड़िया का सम्बोधन –
समारोह में हाईकोर्ट के कम्प्यूटराईजेशन कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस श्री गौतम चैरड़िया ने भी संबोधित किया। स्वागत उद्बोधन रजिस्ट्रार जनरल श्री नीलम चंद सांखला ने दिया। रजिस्ट्रार सीपीसी श्री शहाबुद्दीन कुरैशी ने ई-लोक अदालत के संबंध में विस्तृत प्रकाश डाला।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने ई-लोक अदालत के संबंध में बताया था कि छत्तीसगढ़ में 11 जुलाई को आयोजित ई-लोक अदालत में उच्च न्यायालय सहित राज्य भर के विभिन्न जिलों की 200 से अधिक खंडपीठों में तीन हजार से अधिक मामलों की सुनवाई होगी।
जस्टिस मिश्रा ने बताया था कि समझौता योग्य प्रकरणों, पारिवारिक मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामले प्रायः लोक अदालत के माध्यम से निराकृत हो जाते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जब लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तब ऐसे मामलों के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने ई-लोक अदालत लगाने का निर्णय लिया है।