रायपुर। राजकीय राजस्व के सबसे बड़े आय के स्त्रोत पर डाका डालने और लाखों रुपए की चोट पहुंचाने के खुलासे के बाद अब सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। राजधानी के तीन बड़े दुकानों में लाखों रुपए का गबन सामने आ चुका है, तो अब ग्रामीण इलाके की शराब दुकानों से भी सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाए जाने का अंदेशा बढ़ गया है। सिलतरा स्थित एक बड़ी दुकान से 8 लाख के गबन का मामला अफसरों तक पहुंचा है। गबन के मामले लगातार बाहर आने के बाद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अफसरों से रिपोर्ट तलब कर सख्त लहजे में कहा है, दुकानों में चोरी गई रकम का पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा।
अफसर अपने प्रभार में रखने वाली दुकानों का ब्योरा सौपेंगे। शनिवार को गबन के मामले में आबकारी मंत्री ने अपने बयान में कहा, अफसरों की मीटिंग लेकर चर्चा होगी। सरकारी खजाने से एक रुपया भी कम नहीं होने दिया जाएगा। ओवर रेटिंग के मामले में भी हमने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद अगर कहीं कोई गड़बड़ी सामने आ रही होगी, तो सख्त कार्रवाई होगी। सिलतरा में आठ लाख रुपये से ज्यादा की घटती पकड़ी जाती है, तो चार दुकानों में ही गबन का हिसाब 57 लाख रुपये के पार होना निश्चित है।
इस बारे में जिला आबकारी उपायुक्त की तरफ से फिलहाल जांच कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सर्किल अफसरों की अपनी जांच रिपोर्ट में गबन का हिसाब जरूर पुख्ता कर रिपोर्ट देने की बात कही है। शराब दुकानों में गबन के बड़े खुलासों के बाद स्टाफ की अदला-बदली शुरू हो गई है। सेल्स कर्मी के साथ सुपरवाइजरों का प्रभार बदल दिया गया है। कंपनी की तरफ से दोषी पाए गए कर्मियों को हटाने या फिर उनके खिलाफ थाने में शिकायत करने की फिलहाल कोई जानकारी आबकारी को नहीं दी गई है।