रायपुर । सरकारी स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए शुरू की गई पढ़ाई तुंहर द्वार.. योजना की मुश्किले काम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहाँ समस्या केवल स्मार्ट फोनन नेटवर्क प्रबलम ही नहींबल्कि रजिट्रेशन के समय एप्प में पेचीदा काम है।
पढ़ाई तुहंर द्वार योजना के तहत ऑनलाइन पढ़ाई वेबेक्स ऐप के जरिए कराई जाती है। लेकिन आमतौर पर दूसरे ऐप का इस्तेमाल करना जितना आसान होता है, वैसा वेबेक्स ऐप के साथ बिल्कुल भी नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की गरीबी इस मुश्किल को और बढ़ा देती है। सबसे पहली दिक्कत वेबेक्स ऐप के लिए एंड्रायड स्मार्टफोन की अनिवार्यता है। अधिकांश गरीब परिवारों में कीपैड वाले मोबाइल फोन हैं, जिस पर ये ऐप काम नहीं करता।
दूसरी बड़ी समस्या ऐप पर रजिस्ट्रेशन की है। गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद वेबेक्स ऐप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके लिए सबसे पहले ई-मेल मांगा जाता है। समस्या यही आती है। गांव के अधिकांश छात्रों या उसके माता-पिता की ई-मेल आईडी नहीं होती। बिना ई-मेल आईडी के रजिस्ट्रेशन हो ही नहीं सकता। ऐसे में छात्रों को अपनी ई-मेल आईडी बनानी होती है, जो अपने आप में दूसरी समस्या है। अब आती है तीसरी सबसे बड़ी और जटिल समस्या पासवर्ड क्रिएट करने की।
ई-मेल आईडी डालने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से एक लिंक आपके ई-मेल पर आता है। उसे ओपन कर वेबेक्स ऐप के लिए पासवर्ड क्रिएट करना होता है। लेकिन इसे बेहद पेचीदा और मुश्किल भरा बना दिया गया है। एक नजर आप खुद ही जरा इन निर्देशों पर डाल लीजिए। आपका पासवर्ड आपके नाम, कंपनी या फिर दूसरी व्यक्तिगत जानकारी से मिलता जुलता बिल्कुल नहीं होना चाहिए, नहीं तो पासवर्ड स्वीकार नहीं होगा। अंग्रेजी के 6 लेटर, कैपिटल और स्मॉल केस के कॉम्बिनेशन होने चाहिए। कम से कम 4 डिजिट भी शामिल होने चाहिए। खुद शिक्षक ऐसी जटिलता से हैरान हैं।
जब एक शिक्षक ऐप पर रजिस्ट्रेशन करने में इतना परेशान हो सकता है, तो कल्पना कीजिए, गांव और सुदूर अंचल, उसमें भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे को कितनी मुश्किल होती होगी। ऐसे में ये फर्ज करना भी गलत नहीं होगा कि ऐसी जटिलताओं के चलते भी अधिकांश बच्चे वेबेक्स ऐप पर रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए होंगे।