राजनांदगांव। जिले के सोमनी अंतर्गत ग्राम फरहद में वकील की हत्या मामले में पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर चार आरोपियों को धर दबोचा। इन आरोपियों ने पुरानी रंजिश की बात को लेकर हत्या की वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया, इसके बाद पुलिस ने इस मामले की इतिश्री कर दी थी, लेकिन परिजनों ने इस मामले में एक महिला मित्र का नाम लेकर हत्या के इस प्रकरण को नई चिंगारी दे दी है। परिजनों का कहना है कि इस पूरी वारदात के पीछे एक महिला का हाथ है। अब इस आरोप के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए हैं।
परिजनों ने साफतौर पर कहा है कि केवल चार युवकों को धर दबोचने और उन्हें जेल दाखिल करने मात्र से इस प्रकरण की इतिश्री नहीं हो जाती, बल्कि हत्या के मूल जड़ तक पहुंचना भी जरूरी है।
दरअसल, सोमनी और फरहद से जुड़े इस हत्याकांड के बीच से जो जानकारी छनकर सामने आ रही है उसके मुताबिक अधिवक्ता संजय साहू काफी लंबे समय से सोमनी निवासी एक महिला के घर आ-जा रहा था। कई बार वह उसी के घर में भी रात रूक जाता था। कुछ दिनों तक वह महिला की जमीन संबंधी विवाद का केस भी लड़ा उसकी जमीन विवाद की पूरी फाईल भी मृतक संजय के पास था। मृतक के परिवारिक सदस्यों के अनुसार उसके वकालत से संबंधी तमाम कागजात भी महिला के घर में रहते थे।
पुलिस ने स्वयं उस महिला को मृतक का ‘महिला मित्र’ करार दिया है। इधर पुलिस के एफआईआर में भी महिला का नाम सामने आ गया है। अब मूल सवाल यह है कि अधिवक्ता संजय साहू की हत्या उसके महिला मित्र के भतीजा और तीन अन्य लोगों ने मिलकर क्यों की? एसपी जितेंद्र शुक्ल की कहानी के अनुसार एक आरोपी का 376 में जेल भिजवाया था इसलिए अधिवक्ता से रजिंश था, एक अन्य आरोपी का रूपए लेनदेन का विवाद था, इसलिए अधिवक्ता की हत्या को अंजाम दिए। सवाल यह उठता है कि आरोपियों को यदि ऐसी किसी रंजिश का बदला लेना होता तो महिला मित्र के घर से आते-जाते या रात रूकते, उठते-बैठते समय भी घटना को अंजाम दिया जा सकता था?
मृतक के चाचा डॉ. केएन साहू और भाई ईश्वर साहू सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों की मानें तो आरोपियों ने घटना को ऐसे समय में अंजाम दिया है जब वह नौ जुलाई की रात में अपने घर से मोबाईल पर बात करते हुए निकला और घर से थोड़ी दूर पुलिया में आकर बैठा? अब सवाल यह उठता है कि सांकरा स्थित मैदान में शराब पीकर अधिवक्ता की हत्या की योजना बनाने वालों को अधिवक्ता संजय साहू के पुलिया बैठे होने का लोकेशन कैसे मिला, कैसे आरोपी ऐन मौके पर पहुंचकर उस पर आरी और टंगिया से वार कर दिए? मृतक के पारिवारिक सदस्यों को आशंका है कि रात में अधिवक्ता संजय साहू के पास जो फोन आया था वह उसके महिला मित्र का था और उसी के कहने पर वह उससे बात करते हुए घर से निकला। पुलिस को इस मामले का पूरा क्लू भी मृतक के आखिरी काल डिटेल से हाथ लगा।
पारिवारिक सदस्यों को पूरी आंशका है कि अधिवक्ता संजय साहू की हत्या करवाने में उसके महिला मित्र का पूरा हाथ और पूरी साजिश है। मृतक के चाचा डॉ. केएन साहू और भाई ईश्वर साहू का कहना है चारों आरोपियों और मृतक के अलावा उस महिला के घटना समय के घंटे भर का काल डिटेल निकाले यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस पूरी योजना को किस तरह से अंजाम दिया गया है? इधर मृतक के पारिवारिक सदस्यों ने उस महिला के घर रखे अधिवक्ता संबंधी सभी कागजातों को भी तत्काल सील नहीं किए जाने पर भी संदेह जताया है।