दुर्ग। आंगनबाड़ी की 2 कार्यकर्ता समेत 15 के कोरोना सैंपल की पॉजिटिव रिपोर्ट से स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सोमवार को आई रिपोर्ट में दुर्ग ब्लॉक के ग्राम बोरीगारका की दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव है। दोनों कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे वजन त्योहार में व्यस्त थीं। लगभग 80 बच्चों को गोद में उठाकर उन्होंने वजन कराया बाद में मासिक रिपोर्ट भी तैयार की।
पूरे गांव को तब्दील करना पड़ेगा क्वारंटाइन सेंटर में
कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक अब सभी बच्चों को पहले क्वारंटाइन में रखना होगा। उनका सैंपल कलेक्ट कर जांच कराना होगा। अगर बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनके परिजनों का भी टेस्ट करना होगा। ऐसी स्थिति में पूरे गांव को रिपोर्ट आने तक क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील करना होगा। जानकारी के मुताबिक रेंडम जांच के तहत सर्वे कार्य करने वाली दोनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और रोजगार सहायक का सैंपल कलेक्ट 10 जुलाई को किया गया था। तीसरे दिन आई रिपोर्ट में पॉजिटिव होने से पूरा गांव कोरोना को लेकर भयभीत हो चुका है।
बच्चों के वजन के दौरान कोई हिदायत नहीं दी थी
कोरोना संक्रमित कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें किसी तरह की हिदायत नहीं दी गई थी कि वजन त्योहार में बच्चों से दूरी बनाकर रखना है। यही वजह थी कि उन्होंने बच्चों को गोद में लेकर वजन कराया। दोनों का कहना है कि 3 दिनों में उन्होंने 80 बच्चों का वजन किया। इसी गांव की महिला रोजगार सहायिका की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
गांव के क्वारंटाइन सेंटर में नाम-पता लिखने की ड्यूटी थी
ग्राम बोरीगारका की तीनों पॉजिटिव महिलाओं का कहना है कि कोरोना को लेकर उनके ग्राम में भी क्वारंटाइन सेंटर बना है। वहां रहने वालों का नाम पता लिखने की जिम्मेदारी उनपर ही थी। इसके अलावा कोरोना को लेकर गांव में सर्वे भी किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीनों का रैंडम जांच के तहत सैंपल कलेक्ट किया था।