रायपुर। राज्यपाल अनसुईया उइके ने आज शाम छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।राज्य सरकार ने कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलकर दाउश्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय करने का प्रस्ताव राजभवन भेजा था। चंद्राकर सूबे के बड़े सहकारी और किसान नेता थे। राजभवन ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर आज मुहर लगा दी। लिहाजा, राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय दाउश्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। ज्ञातव्य है, भाजपा सरकार ने दुर्ग के अंजोरा में कामधेनु विश्वविद्यालय प्रारंभ की थी।
इसी तरह छत्तीसगढ़ उद्यानिकी विश्वविद्यालय को प्रारंभ करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। पिछले बजट में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में उद्यानिकी विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान किया था।
उद्यानिकी विश्वविद्यालय का प्रथम कुलपति बनने के लिए तीन आवेदन आए थे। राज्यपाल अनसुईया उइके ने आज परामर्श के लिए मुख्यमंत्री को तीनों नाम भेज दिए हैं। मुख्यमंत्री के सुझाव के अनुरूप राजभवन उद्यानिकी विश्वविद्याल के प्रथम कुलपति की नियुक्ति का आदेश जारी कर देगा। वैसे, लंबे समय से ये परंपरा चली आ रही है कि राजभवन मुख्यमंत्री से परामर्श करके नए कुलपति का अपाइंटमेंट करता है।
बताया जा रहा है कि राज्यपाल अनसुईया उइके ने कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलने और उद्यानिकी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में कल देर शाम तक सचिव राजभवन सोनमणि बोरा और लीगल अधिकारी के साथ परामर्श की।
राजभवन के सिकरेट्री सोनमणि बोरा ने कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलने की अनुमोदन की पुष्टि की है। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्यपाल ने इसका अनुमोदन कर दिया है।
ज्ञातव्य है, लंबित प्रस्तावों को हरी झंडी देने के सिलसिले में राज्य के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। इनमें कृषि मंत्री रविंद्र चैबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल थे।
राज्यपाल द्वारा अब कामधेनु विश्वविद्यालय के नाम बदलने की मंजूरी और उद्यानिकी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति का पेनल परामर्श के लिए मुख्यमंत्री को भेजने को अच्छा संकेत माना जा रहा है।