रायपुर- अंबेडकर अस्पताल में जिंदा इंसानों का कितना इलाज होता है ये तो सब जानते हैं।लेकिन मुर्दों के साथ शायद इस अस्पताल के कर्मचारियों की कोई संवेदना नहीं है। तभी तो भरी बारिश में एक लावारिस शव को किसी ने सुरक्षित जगह ले जाने तक की जहमत नहीं उठाई। इस शव पर किसी ने क्लेम नहीं किया लिहाजा अंबेडकर के कर्मचारियों ने शव को स्ट्रेचर पर रखकर बाहर छोड़ दिया।
लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा भले ही ये शव लावारिस हो लेकिन मरने से पहले उन्हीं के जैसा एक इंसान था। लेकिन शरीर से जान निकल जाने के बाद उसके मृत शरीर के साथ ये हाल किया गया । बताया जा रहा है कि जिस इंसान का ये मृत शरीर है उसे सीने में दर्द की शिकायत थी ।
कोतवाली थाना क्षेत्र में उसकी मौत हो गई । मौत के बाद उसका पीएम होना था लेकिन पीएम घर ले जाने के बजाए शव को लावारिस हालत में मुर्दा घर के सामने ही भरी बरसात में छोड़ दिया गया। यानी इतने बड़े अंबेडकर अस्पताल में किसी शव को रखने के लिए कोई जगह नहीं या यूं कहें जगह अस्पताल में तो है लेकिन अंबेडकर अस्पताल के कर्मचारियों के दिल में जगह की कमी हो गई है। हालांकि जिस संस्था ने इस मृत व्यक्ति को अंबेडकर अस्पताल लाया था वो बार-बार प्रबंधन से इसे सौंपने की गुजारिश करती रही लेकिन ऐसा हो न सका।