बिलासपुर/रायपुर। जोगी परिवार के लिए काफी दिनों बाद खुशखबरी आई है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। इस याचिका को भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय और संत कुमार नेताम ने लगाया था। हाईकोर्ट से आए फैसले पर अमित जोगी ने संतोष व्यक्त करते हुए सत्यमेव जयते लिखा है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी डाॅ. रेणु जोगी और पुत्र अमित जोगी ने हाई कोर्ट के निर्णय के बाद कहा कि आदेश स्वागतेय है और उन्हें पूरा विश्वास है कि अजीत जोगी के आदिवासी होने के गौरव और अस्मिता पर कभी आंच नहीं आएगा।
जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता एवं अधिवक्ता भगवानु नायक ने बताया कि 15 जुलाई को उच्च न्यायालय ने इस याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के इस आदेश ने एक बार फिर प्रमाणित कर दिया है कि पूर्ववर्ती रमन सरकार द्वारा छानबीन समीति की रिपोर्ट वापस लेने का प्रमुख कारण 2013 छत्तीसगढ़ जाति निर्धारण नियमों के विपरीत उनको बिना सुनवाई का अवसर दिए मनगढ़ंत रिपोर्ट तैयार करना था।
छानबीन समिति ने 2013 कि रिपोर्ट में जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ अजीत जोगी ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन महाधिवक्ता ने छानबीन समिति की रिपोर्ट को यह कहते हुए वापस ले लिया था कि कमेटी ने ठीक से तथ्यों की जांच नहीं की है। इस के खिलाफ 2014 में संत कुमार नेताम ने याचिका लगाई थी।