रायपुर। छग की राजधानी जहां पर माना जाता है कि बात जब किसी मजलुम की आ जाए तो एक नहीं सौ-सौ हाथ एक साथ मदद के लिए खड़े हो जाते हैं, लेकिन इसी रायपुर में एक नजारा ऐसा भी देखने में आया, जहां भरी बारिश में एक शख्स का मृत शरीर पोस्टमार्टम के लिए अंबेडकर अस्पताल के बाहर भिगता पड़ा रहा, पर उसे छांव देने के लिए किसी ने जहमत भी नहीं उठाई।
पोस्टमार्टम के लिए तैनात डाॅक्टर तो दूर, वहां के स्टाफ ने शव को हाथ लगाने से इंकार कर दिया। जब वीडियो वायरल होने की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को मिली तो सफाई भरा जवाब भी जारी किया गया। अस्पताल की ओर से कहा गया कि शव को खुले परिसर में बाहर निकालकर नहीं रखा जाता। मृतक के किसी परिजन की जानकारी ना होने की वजह से कफन-दफन करने वाली संस्था को शव को सुपुर्द कर दिया गया। अब सम्बन्धित संस्था की जिम्मेदारी बनती है कि शव वाहन की व्यवस्था करे और व्यवस्था के बाद ही शव को कफन-दफन के लिए मर्चुरी से बाहर निकाले लेकिन उस संस्था ने बिना पूर्व व्यवस्था के शव को बाहर निकाल दिया। यह शव एक 50 साल के व्यक्ति का था।