पखांजुर। पखांजुर की एसडीएम निशा नेताम मंडावी द्वारा आज एक अमानवीय कार्य से जनता आक्रोश में है। एसडीएम द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना व नोटिस के शासकीय भूमि में स्थित मकान को जेसीबी चलाकर उसे पूरी तरह से ढहा दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पखांजुर निवासी असीम राय पिता कालीपद राय पिछले दस वर्षों से पखांजुर कालोनी में अपने परिवार के साथ निवासरत था। वह जिस स्थान पर निवासरत था जिसका खसरा नंबर 1329/1 रकबा जोकि शासकीय भूमि है उसमें असीम राय पिछले दस वर्षों से निवासरत था। आज एसडीएम निशा नेताम मंडावी ने बिना पूर्व में कोई सूचना और नोटिस दिए आज पुलिस बल के साथ पहुंची और जेसीबी से असीम राय के घर को गिरा दिया गया। एसडीएम की बर्बता पूर्वक असीम राय को घर के अंदर रखे सामानों को निकालने भी नही दिया और सामना सहित पूरे घर पर जेसीबी चलवा दिया गया जो कि अमानवीय है। उनके इस एकतरफा कार्यवाही और मनमानी को देखते हुए इलाके के लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है।
असीम राय ने फोन पर जानकारी देते हुए कहा कि पखांजुर के अधिकांश शासकीय भूमि में लोगों ने कब्जा कर 2-3 मंजिलें का घर निर्माण किया हुआ है, लेकिन साजिस कर के केवल उनके ही घर को तोड़ा गया। असीम राय ने कहा कि उनके खिलाफ क्षेत्र के ही कुछ लोगों ने अपनी निजी दुश्मनी निकालने के लिए एसडीएम निशा नेताम मंडावी के साथ मिलकर उनके घर को तोड़ा है। निशा नेताम मंडावी एसडीएम, शेखर मिश्रा प्रभारी तहसीलदार, शरद दुबे थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर और पुलिस आरक्षकों के साथ दलबल लेकर असीम राय के घर पहुंची और एकतरफा कार्यवाही करते हुए घर को तोड़ना शुरू कर दिया। असीम राय और उसका परिवार गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी और मनमानी केते हुए पूरे घर को तोड़ दिया।
असीम राय ने बताया कि गांव के नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली और कांकेर विधायक अनूप नाग के इशारों पर किया गया है। जबकि पखांजुर में जिस जगह पर उनका घर है वहां पर अधिकांश घर शासकीय भूमि पर बना हुआ है पर इन दोनों के इशारों पर एसडीएम निशा मंडावी ने एकतरफा कार्यवाही उनके खिलाफ की। असीम राय ने बताया कि उन्हें पूर्व में कोई नोटिस नही दिया गया और आज सुबह ही घर पर नोटिस चस्पा कर दोपहर को एसडीएम दलबल के साथ कार्यवाही करने पहुंच गई।
नियम के अनुसार शासकीय भूमि पर कब्जा करने वाले को तीन बार 15-15 दिनों का नोटिस जारी किया जाता है उक्त जमीन को खाली करने के लिए टैब कार्यवाही की जाती है लेकिन एसडीएम ने विधायक और नगर पंचायत अध्यक्ष के दबाव में आकर सुबह नोटिस चस्पा किया और दोपहर को ही कार्यवाही कर दी। असीम राय ने नोटिस मिलते ही एसडीएम कार्यालय पहुंचकर उक्त भूमि को खरीदने का भी निवेदन किया और नियमतः जितनी भी राशि वर्तमान समय मे जमीन की है जो बाजार में कीमत है उसका 150 गुणा शासकीय खाते में जमा करने का भी निवेदन किया लेकिन विधायक और नगर पंचायत के राजनीतिक दबाव के चलते एसडीएम ने उनकी गुहार न सुनी और उनके घर पर जेसीबी चलवा दिया।
पखांजुर में 90 प्रतिशत शासकीय भूमि में अतिक्रमण है जिसमें घर व दुकान निर्मित है पर केवल उनका ही घर तोड़ा गया। असीम राय ने बताया कि उन्होंने भाजपा के द्वारा शासकीय जमीन को बेचे जाने पर रोक लगाने को लेकर समर्थन में थे और वे स्वयं भाजपा के पार्षद हैं इसलिए अपनी राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए विधायक व नगर पंचायत अध्यक्ष ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचकर मेरे घर को निशाना बनाया।
इतनी बड़ी कार्यवाही करने से पहले एसडीएम द्वारा कलेक्टर को भी कोई जानकारी नही दी गई है। कलेक्टर को इस विषय मे कोई जानकारी नही थी जब असीम राय के छोटे भाई और उनके परिवार वाले कलेक्टर के घर पहुंचे तब उन्हें इस विषय में जानकारी हुई। जानकारी होते ही कलेक्टर ने एसडीएम को फोन कर जानकारी लेनी चाही टैब एसडीएम व उपस्थिय अन्य अधिकारी ने अपने मोबाइल फोन को बंद करके रखा हुआ था ताकि उनके इस एकतरफा कार्यवाही में कोई रुकावट न आ सके।
शिकायत मिलने पर होगी तत्काल कार्यवाही : राजस्व सचिव
राजस्व सचिव रीता शांडिल्य से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने कहा है कि एसडीएम की एकतरफा कार्यवाही की शिकायत मिलने पर इस विषय की जांच की जाएगी और लापरवाही व मनमानी पाए जाने पर उनपर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।
जब इस विषय पर तहसीलदार व कार्यवाही के समय उपस्थित अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नही उठाया। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कब्जाधारियों को पट्टा देने की बात कही जा रही है और दूसरी तरफ राजनीतिक दबाव में आकर प्रशासनिक अधिकारी बिना किसी नोटिस के घरों को तोड़ने में लगे हैं जो अनैतिक है। इस विषय की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम निशा नेताम मंडावी और नगर पंचायत अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक के खिलाफ जांच होनी चाहिए और लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।