रायपुर। प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण के बावजूद भूपेश सरकार ने प्रदेश में भले ही एक साथ लाॅक डाउन का फैसला नहीं लिया है। इसके पीछे मूल वजह नियमित गतिविधियों को प्रभावित होने से बचाए रखना है, इस वजह से हालात के आधार पर जिलों के कलेक्टर को यह अधिकार दिया है कि वे अपने जिलों की परिस्थितियों का मूल्यांकन करने के बाद लाॅक डाउन का फैसला ले सकते हैं, लेकिन इससे दो दिन पहले उन्हें सरकार के साथ आम लोगों को सूचित करना होगा। राजधानी में 22 से 28 जुलाई तक लाॅक डाउन की घोषणा की गई है, लेकिन यह अंतिम मियाद नहीं होगी, इसके बाद भी परिस्थितियां अनुकुल नहीं हुईं, तो मियाद आगे बढ़ाई जा सकती है।
वहीं पूरे प्रदेश की स्थिति की बात की जाए, तो भूपेश सरकार ने तात्कालिक फैसले के तौर पर जिलों को लाॅक डाउन करने का फैसला लिया है। इस बीच यदि बढ़ रहे आंकड़ों में कमी आती है, अनुपातिक नजरिए से कोरोना की रफ्तार थमती है, तो भले ही लाॅक डाउन के इस तरीके को आगामी आदेश तक मान्य रखा जाएगा, लेकिन यदि प्रदेश में परिस्थितियां प्रतिकूल हुई, तो सरकार को पूर्ण लाॅक डाउन पर विचार करना पड़ सकता है, जिसके लिए भूपेश सरकार पूरी तरह से तैयार भी है।