अल्का याग्निक साल 1989 में शादी के बंधन में बंधी थीं। नीरज अपनी पत्नी के करियर के महत्व को समझते थे, इस वजह से उन्होंने शिलांग छोड़ मुंबई में रहकर अपना बिजनस जमाने की कोशिश की। यहां उन्हें जब घाटा होता चला गया, तो अल्का ने पति को फिर से शिलांग में ही बिजनस पर ध्यान देने के लिए कहा। वह चाहे तो नीरज को वहीं पर रहने के लिए कह सकती थीं, लेकिन उन्हें पता था कि जिस तरह उनका करियर इंपॉर्टेंट है, उसी तरह उनके पति के लिए भी उनका काम काफी महत्व रखता है।
कम्यूनिकेशन और मिलना
अल्का और नीरज ने अलग रहते हुए भी अपने बीच के कम्यूनिकेशन को टूटने नहीं दिया। बिजी करियर के बावजूद दोनों एक-दूसरे के साथ टाइम स्पेंड करने के लिए मुंबई और शिलांग के लिए ट्रैवल करते थे। वे एक-दूसरे के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्टम बने रहे। कपल चाहे लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हो या फिर काम के कारण बिजी चल रहा हो, उसे एक-दूसरे से बात करने और मिलने का समय जरूर निकालना चाहिए।
अट्रैक्शन और ईमानदारी
अल्का याग्निक ने माना था कि लगातार अलग रहने के कारण ऐसे कई मौके आए जब वह दूसरे पुरुषों की ओर अट्रैक्ट हुईं। हालांकि, वह जानती थीं कि उन्हें कभी भी सीमा नहीं लांघनी है। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन लंबे समय तक पार्टनर जब अकेलापन महसूस करता है, तो वह उस व्यक्ति के प्रति आकर्षित होने लगता है, जहां से उसके इन इमोशन्स की पूर्ति होती दिखती है।