बिजापुर। कोरोना खौफ इस कदर कि एक ग्राम पंचायत ने गांव में प्रवेश करने वाले बाहरी लोगों के लिए मौत का फरमान जारी कर दिया है। ग्रामीणों ने गांव की सरहद और प्रवेश मार्ग के पेड़ों पर काली स्याही से यह चेतावनी लिखी है कि गांव में कोई भी बाहरी प्रवेश करेगा तो उसे मारकर फेंक दिया जाएगा। कोरोना संकटकाल में जिले और प्रदेश में ही नहीं, संभवतः देश में पहली बार इस तरह का वाक्या सामने आया है।
जिला मुख्यालय से 32 किमी और गंगालूर से सात किमी दूर ग्राम पंचायत गोंगला के ग्रामीणों ने यह फरमान जारी किया है। दरअसल, एक सप्ताह पूर्व गंगालूर राहत शिविर में रहने वाली गोंगला निवासी एक गर्भवती महिला के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से आसपास के दर्जनों गांवों में दहशत फैल गई है। इसके चलते सख्ती का यह रूप सामने आया है। लॉकडाउन के समय गांवों के प्रवेश मार्गों पर बांस और लकड़ियों का घेरा बनाकर बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने की खबरें तो आती रहीं, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है। जब खौफ दिखा कर रोका जा रहा है ।
गोंगला की सरपंच संगीता एक्का ने बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलने के डर से ग्रामीणों ने ही यह सूचना गांव के बाहर लगाई है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति गांव में प्रवेश न कर सके। जान से मारने के फरमान के सवाल पर सरपंच ने कहा कि इस बात को लेकर उन्होंने ग्रामीणों को समझाया है कि ऐसा करना गैर कानूनी है। ग्रामीणों ने डराने के लिए ऐसा लिखा होगा, ताकि कोई इधर का रुख ना करे।
मामले में गंगालूर थाना प्रभारी पवन वर्मा ने कहा-
“हो सकता है सुरक्षा को लेकर उन्होंने अति उत्साह में ऐसा लिख दिया होगा। यह शरारती तत्वों की हरकत भी हो सकती है। मामला जांच का विषय है।”
मामले में बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने कहा–
“यह जांच का विषय है, अगर ऐसा हुआ है तो गांव में जाकर ग्रामीणों को समझाया जाएगा कि सुरक्षा जरूरी है, इसके लिए कानून को हाथ में लेना गलत होगा।”