नागपंचमी 25 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन शिव योग है जिस वजह से इसका महत्व को दोगुना हो गया है। इससे पहले सन् 2000 में ऐसा संयोग बना था। ज्योतिषियों का दावा है कि इस दिन यदि शिव और नाग की साथ में पूजा की जाए तो कालसर्प और पितृदोष समेत सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। ज्योतिषियों के मुताबिक सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 25 जुलाई को पड़ रही है। इस पर्व का संबंध भी शिवजी से ही है क्योंकि नाग उन्हीं के गण हैं। नागपंचमी के दिन विशेष रूप से अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कत और शंख नाग, इन अष्ट नागों की पूजा की प्रावधान है। लॉकडाउन के चलते लोग इस बार मंदिर जाकर पूजा नहीं कर पाएंगे इसलिए परंपरा के अनुसार चतुर्थी की शाम भोजन के बाद पंचमी का उपवास शुरू हो जाएगा। पंचमी को घर में ही मिट्टी से नाग की प्रतिमा बनाकर विधिवत तरीके से पूजा की जाएगी।
पूजन मुहूर्त
- सुबह 07:14 से 09:24 बजे – सिंह लग्न।
नागपंचमी का महत्व: राजा परीक्षित के श्राप से जुड़ी है कथा
कथा के अनुसार अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित ने एक बार तपस्या में लीन ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। इससे आहत होकर उनके शिष्य श्रृंगी ऋषि ने परीक्षित को श्राप दिया कि तक्षक सर्प द्वारा काटे जाने से उसकी मौत हो जाएगी। इस श्राप का काट करने के लिए परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने सर्प यज्ञ किया। इस दौरान सारे सर्प खुद ही यज्ञ कुंड में आकर गिरने लगे। महर्षि आस्तिक को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने जन्मेजय को यज्ञ करने से रोका क्योंकि यज्ञ जारी रहता तो पृथ्वी में मौजूद सांप की सभी प्रजातियां खत्म हो जाती।
घर में ऐसे करें पूजा:
- मिट्टी से सर्प बनाएं।
- दूध से अभिषेक करें।
- जल से अभिषेक करें।
- भीगा चना अर्पित करें।
- भोग चढ़ाकर पूजा करें।
इन उपायों को अपनाकर पाएं दोष से मुक्ति
पितृदोष: सर्प की पूजा कर 8 बार भीगा हुआ चावल चढ़ाएं। हल्दी-कुमकुम अर्पित करें। फिर तांबे के 9 नाग किसी शिवालय में अर्पित कर शिव मंत्र का उच्चारण करें।
कालसर्प दोष: सुबह स्नान कर शिवलिंग पर चढ़े सर्प का पूजन करें। अक्षत और पुष्प चढ़ाएं। शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिव भुजंग प्रयात स्रोत का पाठ करें।
पारिवारिक-आर्थिक समस्या: सफेद कागज पर इत्र लगाकर रक्त चंदन से 21 सर्प की आकृति बनाएं। थोड़ा चावल और काला तिल बांध उसे जल में प्रवाहित कर दें।
हर समस्या से मिलेगा छुटकारा
“हर समस्या से छुटकारा पाने के लिए इस बार की नागपंचमी अद्वितीय अवसर है। विद्यार्थी सर्पेभ्यो देवेभ्यो नम: का पाठ करें तो उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।”