कुलभूषण सिंह, रायपुर। राजधानी में सौन्दर्यकरण के नाम से स्मार्ट सिटी विगत 3 सालो से काम कर रहा है। फिजूलखर्ची के नाम से स्मार्ट सिटी वैसे ही बदनाम है, जिसके बाद अभी ताजा उदाहरण रायपुर के सिंचाई कॉलोनी के प्रसिद्ध उद्यान गौरव वाटिका में दीवारों पर एक बड़ी राशि खर्च कर कराई गई ग्राफिटी वाल पेंटिंग है। जिसे हाउसिंग बोर्ड अपने नए प्रोजेक्ट के तहत तोड़ कर मिट्टी में मिला दिया है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पूरे शहर में ग्राफिक वॉल पेंटिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी और हाउसिंग बोर्ड द्वारा नए निर्माण के तहत कई कॉलोनियों को तोड़ा भी जा रहा है। पर देखने वाली बात यह है कि इन दोनों ही विभागों में किसी भी प्रकार का कोई सामंजस नही है। इसका ताजा उदाहरण रायपुर के प्रशिद्ध गौरव गार्डन में देखने को मिल सकता है। जिस गार्डन की दीवारों को 2 दिन पूर्व स्मार्ट सिटी ने पेंट किया है उसी गार्डन को हाउसिंग बोर्ड ने नए प्रोजेक्ट के तहत तोड़ दिया।
इस मामले में महापौर एजाज़ ढेबर ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें अभी हुई है। “इस कार्य के पीछे जो भी अधिकारी जिम्मेदार होंगे उनकी जांच की जाएगी”। – एजाज़ ढेबर (महापौर रायपुर नगर निगम)
स्मार्ट सिटी द्वारा लाखो रुपये वाल पेंटिंग साज सवाजवट में खर्च किया जा रहा है। जिसे हाउसिंग बोर्ड के द्वारा बाद में तोड़ा जा रहा ऐसे कई उदाहरण शहर में देखने को मिल चुके है। इसका मतलब साफ है कि सरकार के पैसों की साफ फिजूल खर्ची की जा रही है। दोनो विभागों के बीच का सामंजस न होने से लाखों रुपयों का नुकसान लगातार हो रहा है।