रायपुर। भूपेश सरकार ने कोरोना काल के मद्देनजर प्रदेशवासियों को बिजली बिल में हाफ का लाभ देने का मन बनाया था, लेकिन प्रदेश के साढ़े 9 लाख लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। पाॅवर कंपनी ने इन सभी उपभोक्ताओं को इस लाभदायक योजना से वंचित किए जाने का सख्त निर्णय लिया है। यह पहली बार नहीं है, जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित होने से रोका जा रहा है, इससे पहले भी 10 लाख के करीब उपभोक्ताओं को भी ऐसा ही झटका लगा था।
इसके पीछे वजह दो माह से ज्यादा होने के बावजूद विद्युत बिल का भुगतान नहीं करना है। पाॅवर कंपनी के मुताबिक प्रदेश के साढ़े नौ लाख बिजली उपभोक्ताओं पर पांच सौ करोड़ से ज्यादा का बकाया हो गया है। इन उपभोक्ताओं ने दो माह से ज्यादा समय से बिल ही जमा नहीं किया है। अब पावर कंपनी ने इन उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका देते हुए बिजली बिल हॉफ योजना से वंचित कर दिया है। इस माह से इनको इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
प्रदेश में 46 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, पिछले कुछ माह से शहरी क्षेत्र में आधे और ग्रामीण क्षेत्र में 30 फीसदी उपभोक्ता ही बिल जमा कर रहे हैं। अब जिन उपभोक्ताओं ने दो माह से ज्यादा बिल जमा नहीं किया है, उनको बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसी के साथ उनको अपने बकाया पर सरचार्ज भी देना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर कोरोनाकाल में अपने दफ्तरों को लॉकडाउन किया तो बिजली बिलों की रीडिंग भी बंद कर दी गई। मार्च और अप्रैल में रीडिंग न होने पर मई में दो माह का बिल एक साथ दिया गया। मार्च का बिल औसत दिया गया। इस बिल में सालभर की रीडिंग के हिसाब से औसत निकाले जाने के कारण लोगों को भारी भरकम बिल आए। ऐसे में औसत बिल जमा न करने की छूट दी गई थी।
जिन उपभोक्ताओं ने दो माह से ज्यादा बिल जमा नहीं किया है, उनको बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे करीब साढ़े नौ लाख उपभोक्ता हैं जिन पर पांच सौ करोड़ से ज्यादा का बकाया भी हो गया है।
– मो. अब्दुल कैसर हक, एमडी, वितरण कंपनी