बिलासपुर । कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश के निजी स्कुल संचालकों को आर्थिक मंदी का दौर झेलना पढ़ा है , लेकिन हाइकोर्ट ने निजी स्कुल संचालकों को थोड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि ट्यूशन फीस ली जाए लेकिन कोई और फीस नहीं लेंगे साथ ही अपने किसी स्टाफ को नौकरी से नहीं निकालेंगे. जस्टिस पी. सैम कोसी की कोर्ट में मामले की अंतिम सुनवाई बीते 9 जुलाई को हुई थी जिस पर आज फैसला आ गया है.
22 निजी स्कूलों के संचालकों के संगठन बिलासपुर प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसियेशन की ओर से राज्य शासन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अपने 36 पेज के आदेश में कोर्ट ने स्कूल प्रबंधकों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति तो दी है साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इस दौरान किसी भी स्टाफ को नौकरी से नहीं निकाला जायेगा। ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी फीस भी वे नहीं ले सकेंगे.
ज्ञात हो कि कोरोना संकट के बीच लाकडाउन की अवधि में संचालक लोक शिक्षण संचालनानलय रायपुर के द्वारा फीस स्थगित रखने के संबंध में एक अप्रैल सभी प्राईवेट स्कूलों के लिये निर्देश जारी किया गया था। याचिका में यह बताया गया था कि निजी शालाएं सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं. याचिका में जो अभिभावक ट्यूशन फीस देने में सक्षम हैं उनसे फीस लेने की अनुमति देने की भी मांग की गई थी.