सरगुजा जिले के मैनपाट से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है । जो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कमियों को बताने के लिए काफी है । हम बात कर रहे मैनपाट के छोर में बसा कदनई गांव जहां की आबादी महज 1000 है । इस गांव में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले कोरवा जनजाति के लोग अधिक निवासरत है। आज एक कोरवा महिला को प्रसव पीड़ा हुई ।
उसके बाद पीड़िता के परिजनों ने कांवर जिसे स्थानीय भाषा में झेलेगी कहते हैं उसमें पीड़िता को बैठा कर नदी पार करवाई । नदी के उस पार स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी की इंतजार कर रही थी । इसी वाहन में पीड़िता को शांतिपारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुँचाया गया और उसके बाद भर्ती कराया गया है जहाँ प्रसूता का इलाज चल रहा है। इधर जिला कलेक्टर ने बताया कि मैनपाट के कुछ इलाके पहुँच विहीन है जिसे दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है। बहरहाल गांव के लोगों ने जिला प्रशासन को कई बार जानकारी दी है लेकिन आज तक पुल नही बन पाया है । इन दिनों बरसात के मौसम में रास्ते का अभाव हर गांव में होता है ।लेकिन इस गांव की स्थिति सबसे अलग है । जहाँ आजादी के बाद से पुल नही बन पाने की वजह से इस तरह प्रसव पीड़ा हो या कोई बीमार हो लेकिन बरसात के दिनों में इस गांव के लोगों जोखिम उठाना पड़ता है । कभी ज्यादा बारिश होने से पुल पार भी नही कर पाते है जिसकी वजह से जान भी चली जाती है।.