रायपुर। छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा ने जगत विजन की संपादक श्रीमती विजया पाठक के खिलाफ एक करोड़ के मानहानि का दावा पेश किया है। आरोप है कि श्रीमती विजया पाठक ने आईएएस अफसर टूटेजा के खिलाफ भ्रामक खबरों को प्रसारित किया है, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को क्षति पहुंची है, साथ ही प्रदेश शासन में लोकसेवक के तौर पर टुटेजा पदस्थ हैं, ऐसे में ऐसे भ्रामक प्रचारों से उनकी प्रतिष्ठा को आघात लगा है।
इस विषय पर अधिवक्ता आनंद मोहन ठाकुर ने बताया कि 2003 बैच के आईएएस अनिल टुटेजा 1983 में राज्य प्रशासनिक सेवा के चयनित हुए, इसके बाद उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए 2003 में आईएएस अवार्ड हुआ। पदोन्नति के बाद टुटेजा ने प्रदेश के गरियाबंद, भाटापारा एवं धमतरी में एसडीएम, रायपुर में सिटी मजिस्ट्रेट, राजनांदगांव एवं भिलाई नगर निगम में आयुक्त तथा मंत्रालय में उपसचिव एवं संयुक्त सचिव के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निवर्हन करते रहे। इस दौरान उन पर किसी तरह के दोषारोपण को न्यायालय में सिद्ध नहीं किया जा सका। जिसकी वजह से वे वर्तमान में भी जिम्मेदारी के पद का निर्वहन सरकार में कर रहे हैं।
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अधिवक्ता आनंद मोहन ठाकुर ने इस विषय पर आगे कहा कि आईएएस टुटेजा के खिलाफ शासन की ओर से एसीबी और ईओडब्लू में सन् 2015 में एक अपराध दर्ज किया गया है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद साल 2018 में एक झूठा आरोप पत्र उनके खिलाफ न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। यह भ्रामक है और टुटेजा के साथ उनके परिवार की छवि को धूमिल करने वाली है, जबकि टूटेजा, उनकी पत्नी श्रीमती मीनाक्षी टूटेजा, पुत्र यश टूटेजा व पुत्री अनुश्री टुटेजा सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित हैं।
अधिवक्ता आनंद मोहन ठाकुर ने आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की तरफ से जगत विजन की संपादक श्रीमती विजया पाठक को जारी नोटिस में स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा विभिन्न शीर्षकों से खबरों का प्रकाशन किया गया है, जिससे समाज में प्रतिष्ठित और सरकार में पदस्थ लोक सेवक की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।